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शिवा कोचिंग सेंटर की प्रबंधक की हत्या के बहुचर्चित मामले में दोषसिद्ध होने पर अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा

  दुर्ग । असल बात न्यूज़।।         00  विधि संवाददाता  शिवा कोचिंग सेंटर की प्रबंधक की हत्या के लगभग 6 साल पुराने बहुचर्चित मामले में न्याया...

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 दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।।  

     00  विधि संवाददाता 

शिवा कोचिंग सेंटर की प्रबंधक की हत्या के लगभग 6 साल पुराने बहुचर्चित मामले में न्यायालय का फैसला आ गया है। प्रकरण में 200 सिद्ध होने पर अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे हत्या के बाद विभिन्न साक्षयों को छिपाने के आरोप में भी 5 साल सश्रम  कारावास की सजा सुनाई गई है।  प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दुर्ग संजीव कुमार टामक के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। न्यायालय ने मानवता के प्रति विश्वास पर कुठाराघात करने की वजह से अभियुक्त से किसी प्रकार की सहानुभूति को उचित नहीं माना । 

यह प्रकरण 14 अक्टूबर 2017 का है। मामले में मृतका के पति के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि उसकी पत्नी कुलदीप कौर कोचिंग सेंटर जाने की बात कह कर घर से निकली थी और उसके बाद वापस घर नहीं आई। वह कोचिंग सेंटर से शाम को 5:00 बजे और देर होने पर 6:00 बजे तक घर वापस आ जाती थी। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर लेने के बाद पुलिस को सूचना मिली कि उतई भिलाई में स्थित सीआईएसएफ बाउंड्रीवाल के पास एक अज्ञात महिला की शव मिली है। मृतिका की पहचान उसके परिजनों के द्वारा कुलदीप कौर के रूप में की गई। आरोपी को कई तरह के सबूत मिलने के बाद अंबिकापुर से गिरफ्तार किया गया था। 

प्रकरण में स्वीकृत तथ्य है कि आरोपी वर्ष 2015 में जसविंदर सिंह के मकान में पेइंग गेस्ट के रूप में रहता था मृतका उसकी पत्नी थी और शिव कोचिंग सेंटर में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी। न्यायालय ने अभियोजन की कहानी को पूर्णता परिस्थितिजन साक्षयों पर आधारित माना। न्यायालय ने मृतका तथा आरोपी के कॉल्स डिटेल्स के आधार पर दोनों का एक दूसरे से संपर्क होने, अंतिम क्षणों में मृतका व आरोपी के एक साथ होने, आरोपी की निशानदेही पर  मृतका की सफेद रंग की गुमशुदा होंडा कार को काले रंग में परिवर्तित कर देने इत्यादि आरोपो को साक्षयों के आधार पर प्रमाणित पाया। न्यायालय ने मृतका तथा आरोपी में अवैध संबंध होने को मृतका की हत्या करने का हेतुक माना है। 

न्यायालय ने अभियुक्त को दोषसिद्ध पाए जाने पर हत्या के अपराध में धारा  302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और हत्या के बाद अपराध के साथ कुछ छिपाने के कारण धारा 201 के अपराध में 5 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।अभियुक्त 21 वर्षीय मनीष कुमार यादव निवासी अंबिकापुर है। न्यायालय के द्वारा माना गया कि आरोपी को विद्याअध्ययन के लिए पेइंग गेस्ट के रूप में अपने घर में रखा था। आरोपी के द्वारा मानवता के प्रति विश्वास पर कुठाराघात किया गया है जिससे उससे किसी प्रकार की सहानुभूति अपनाना उचित नहीं होगा।

आरोपी गिरफ्तारी के बाद से 6 माह 2 दिन न्यायिक हिरासत में जेल में निरूध रहा था उसके बाद 25 अप्रैल 2018 को से जमानत मिल गई थी।



प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक छन्नू लाल साहू ने परवी की।


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