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स्वरूपानंद महाविद्यालय में विश्व संस्कृत दिवस का आयोजन

  भिलाई । असल बात न्यूज़।।      स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में कला विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्...

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 भिलाई ।

असल बात न्यूज़।।     

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में कला विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए संयोजिका  डॉ. सावित्री शर्मा, प्रोफेसर शिक्षा विभाग ने बताया  कि संस्कृत भाषा कई वर्षों से हमारे समाज को समृद्ध बना रही है ।यह भारतीय संस्कृति के विरासत का प्रतीक है ।  देव भाषा का दर्जा रखने वाली संस्कृत भाषा का अस्तित्व बना रहे तथा समाज को संस्कृत के महत्व एवं आवश्यकता से परिचित कराकर संस्कृत भाषा के पुनरुत्थान और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है। 

यह दिवस प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह दिवस महान संस्कृत विद्वान और व्याकरणविद्व, पाणिनी की जयंती का भी स्मरण करता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संस्कृत भाषा के महत्व इस बात से स्पष्ट है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि विज्ञान की अवधारणाएं वास्तव में वेदों से निकली है । प्राचीन काल में वैज्ञानिक संस्कृत का इस्तेमाल करते थे । बीजगणित, समय गणना ,वास्तु कला ,धातु कर्म, एविएशन की जानकारी सबसे पहले इसी भाषा के माध्यम से वेदों में प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि खगोल विज्ञान, चिकित्सा, भौतिक विज्ञान में निष्कर्ष संस्कृत में ही लिखे गए थे । मैं स्वयं एक रॉकेट वैज्ञानिक होने के नाते संस्कृत से बहुत प्रभावित हूं।

 महाविद्यालय के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी, डॉ दीपक शर्मा एवं डॉ मोनिशा शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि संस्कृत वर्तमान में प्रयोग में लाई जाने वाली अनेक भाषाओं की जननी है आज संस्कृत भाषा को भारत के 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है । यह प्राचीन सभ्यता को रोशन करने में सक्षम है। 

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि संस्कृत भारत की विरासत का अभिन्न अंग है, इसलिए इस भाषा को आने वाली पीढियां के लिए संरक्षित रखना हम सब का दायित्व है । महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम इस दिशा में एक छोटी सी पहल है। महाविद्यालय में विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में संस्कृत विषय शामिल है ,जिसका अध्ययन -अध्यापन रुचिकर तरीके से किया जाता है ।

 इस अव्सर पर पोस्टर  प्रतियोगिता, एवं विचारो कि अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया  पोस्टर प्रतियोगिता की निर्णायक डॉ रजनी मुदलियार ,विभाग अध्यक्ष ने प्रतियोगिता के परिणामों से अवगत कराया। प्रथम स्थान ऍम कॉम  प्रथम वर्ष की छात्र डेजी मैथ्यू ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर अब्दुल हमीद एवं कोमल देवांगन रहे । तृतीय स्थान अवंतिका मंडावी ने प्राप्त किया ।


 विचारों की अभिव्यक्ति कार्यक्रम में दीपक वाघमार ने संस्कृत में अपना परिचय प्रस्तुत किया  । निधि मंडली एवं लोकेश साहू ने बताया कि कई विदेशी विद्वानों ने संस्कृत का अंग्रेजी में अनुवाद किया ,जिससे वह भारत के वेदों और ग्रंथ की महत्ता को जान सके। आज भी विश्व के अनेक विश्वविद्यालय जैसे जापान ,ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, फ्रांस, नॉर्वे में संस्कृत भाषा पाठ्यक्रम सुविधा उपलब्ध है । क्योंकि यह दिवस रक्षाबंधन के अवसर पर मनाया जाता है अतः महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया ।कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापक श्री गोल्डी सिंह राजपूत का विशेष योगदान रहा । इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त विद्यार्थी एवं प्राध्यापिकाएं उपस्थित थे।