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शादी करने का प्रलोभन देकर व्यपहरण व बलात्संभोग करने वाले अभियुक्त को पोक्सो एक्ट में 20 साल के सश्रम कारावास की सजा

  दुर्ग। असल बात न्यूज़।।       00 विधि संवाददाता     दुर्ग में एक और आरोपी को पॉक्सो एक्ट के अपराध में दोष सिद्ध होने पर 20 साल के सश्रम का...

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 दुर्ग।

असल बात न्यूज़।। 

    00 विधि संवाददाता   

दुर्ग में एक और आरोपी को पॉक्सो एक्ट के अपराध में दोष सिद्ध होने पर 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (3) और लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अपराध में 20-20 साल की सजा का प्रावधान है लेकिन यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।  अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम फास्ट् ट्रेक कोर्ट विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट दुर्ग श्रीमती सरिता दास के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। न्यायालय ने पीड़िता को क्षतिपूर्ति योजना के तहत प्रतिकर दिलाने की जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग से अनुशंसा की है।

न्यायालय के समक्ष प्रतिरक्षा में बचाव पक्ष की ओर से बचाव साक्षय प्रस्तुत किया जाना व्यक्त किया गया किंतु अभियुक्त की ओर से किसी भी बचाव साक्षी का साक्ष्य नहीं कराया गया।अभियोजन के अनुसार मामले के तथ्य इस प्रकार है कि पीडिता 14 वर्ष 8 माह की होकर 16 वर्ष से कम आयु की अवयस्क बालिका है।यह घटना भी आरक्षी केंद्र खुर्सीपार के अंतर्गत की है। उल्लेखनीय है कि खुर्सीपार भिलाई के ऐसे ही एक अन्य मामले में  न्यायालय के द्वारा कुछ दिनों पूर्व भी 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपी, 14 फरवरी 2021 को पीड़िता अवयस्क बालिका को उसके विधिपूर्ण संरक्षक की संरक्षकता में से उनके बिना सम्मति के शादी करने का प्रलोभन देकर बहला फुसला कर ले जाकर उसका व्यपहरण कारित किया एवं 14 फरवरी से 21जून 2021 तक की अवधि में पीड़िता को झारसुगुड़ा, कटिहार एवं उड़ीसा ले जा कर उसके साथ एक से अधिक बार जबरदस्ती बलात्संभोग का अपराध कारीत किया।पीड़िता की माता प्रार्थयां ने मामले में आरक्षी केंद्र खुर्सीपार में रिपोर्ट दर्ज कराई। 

न्यायालय में प्रकरण में अभियुक्त को दोष सिद्ध होने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अपराध में एक वर्ष, धारा 366 के अपराध में 3 वर्ष, धारा 376 के अपराध में 10 वर्ष, धारा 376 3 के अपराद में 20 वर्ष और धारा 42 के परिप्रेक्ष्य में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(6) के अपराध में 20 वर्ष के सश्रम कारावास के सजा सुनाई है तथा ₹3000 का अर्थदंड अधिरोपित किया है। यह सभी सजाएं एक साथ चलेगी। 

प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की।