Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

तनाव मुक्ति का पहला सिद्धांत है पॉजिटिव थॉट्स सकारात्मक चिंतन...

  तनाव मुक्ति शिविर” “एक नई उड़ान”  का प्रथम दिन   भिलाई । असल बात न्यूज़।।      तनाव मुक्ति का पहला सिद्धांत है पॉजिटिव थॉट्स सकारात्मक चिं...

Also Read

 


तनाव मुक्ति शिविर” “एक नई उड़ान”  का प्रथम दिन

 भिलाई ।

असल बात न्यूज़।।   

 तनाव मुक्ति का पहला सिद्धांत है पॉजिटिव थॉट्स सकारात्मक चिंतन, यदि हम 5 मिनट भी गुस्सा करते हैं तो हमारी मन, बुद्धि दो घंटे से भी अधिक समय तक एकाग्र नहीं हो पाती और हम कोई कार्य नहीं कर पाते यह साइंटिफिकली प्रूफ है|उक्त उद्गार बिलासपुर से पधारी वरिष्ठ राजयोगा शिक्षिका तथा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्थापित योग आयोग की प्रथम महिला सदस्य के रूप में मनोनीत ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने रामनगर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मुक्तिधाम स्कूल में प्रारम्भ “तनाव मुक्ति शिविर” के प्रथम दिन में बोलते हुए व्यक्त किए।

 ॐ ध्वनि तथा म्यूजिकल एक्सासाइज़ से प्रारम्भ सत्र में आपने बताया की  प्रातः काल सूर्य की किरणों के साथ ज्ञान सूर्य परमात्मा के निस्वार्थ प्रेम की किरणों को अनुभव कर अपने जीवन में निस्वार्थ प्रेम को स्थान दें| 

सर्वप्रथम उपस्थित अतिथियों द्वारा राजेश चौधरी छत्तीसगढ़ जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष दुर्ग, मुकेश चंद्राकर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, नन कश्यप ब्लॉक कांग्रेस सुपेला, कोसा नगर, लालचंद वर्मा पार्षद ने दीप प्रज्ज्वलन कर तनाव मुक्ति शिविर का विधिवत उद्घाटन किया।

आगे  आपने बताया कि जीवन में अध्यात्म प्लस पॉजिटिव दिन की शुरुआत का महत्व है |


 जिस प्रकार सुबह हम कार्यक्षेत्र में जाने से पहले मोबाइल को चार्ज करते हैं ताकि दिन भर परेशानी ना हो सभी से कम्युनिकेशंस ठीक हो वैसे ही मन को भी सुबह 5 मिनट सकारात्मक विचारों से अवश्य चार्ज करें|


मोबाइल से व्यर्थ नेगेटिव खबरें देख उसे सोशल मीडिया में इधर-उधर ट्रांसफर करते हैं तो मोबाइल की बैटरी डाउन होती है, उसी प्रकार जीवन में तनाव ,निगेटिव बातों को छोड़, अच्छे विचारों को धारण कर अपने व्यवहार द्वारा समाज में ट्रांसफर करें।


छठवीं से 12वीं बच्चों के लिए प्रारंभ “एक नई उड़ान” कार्यक्रम में बच्चों ने उमंग उत्साह से बढ़चढ़कर हिस्सा लिया| 

मंजू दीदी ने बच्चों को कहा की  जीवन में अच्छा बनना है|

 माता-पिता बच्चों की बहुत चिंता करते हैं इसीलिए सबसे पहले माता पिता का दिल से सम्मान करना सीखें तब जीवन में सफल होंगे|

 बच्चों को एक्ससाइज, राजयोग का अभ्यास कराया गया और सुप्रसिद्ध दोहे " करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जात सिल पर पड़े निशान" दोहे के माध्यम से जीवन में श्रेष्ठ कर्मों के अभ्यास द्वारा श्रेष्ठ संस्कारों का निर्माण की विधि बताई गई।

" तनाव से मुक्ति"  हेतु 8 दिवसीय निशुल्क शिविर प्रातः 6:30 से 8:00 तथा संध्या 7:00 से 8:30 बजे तथा बच्चों के लिए "एक नई उड़ान" सुबह 9:30 से 10:30 तक रहेगा।