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पत्नी की हथेली काट देने के आरोपी को मुकदमे के दौरान जेल में बिताई गई अवधि की सजा

  दुर्ग। असल बात न्यूज़।।         00 विधि संवाददाता   लगभग तीन साल पुराने कतिपय विवाद के चलते पत्नी की हथेली काट देने के मामले में आरोपी को ...

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 दुर्ग।

असल बात न्यूज़।।  

      00 विधि संवाददाता 

लगभग तीन साल पुराने कतिपय विवाद के चलते पत्नी की हथेली काट देने के मामले में आरोपी को 3 साल के सश्रम कारावास और ₹1000 अर्थदंड की कारावास की सजा सुनाई गई है। षष्ठम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दुर्ग आदित्य जोशी के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। गिरफ्तारी के बाद से आरोपी, परीक्षण की पूरी अवधि के दौरान जेल में रहा है। न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा  326 के अपराध का दोषी पाया है। उसे धारा 307 के आरोपों से बरी कर दिया गया है। न्यायालय के द्वारा अपने फैसले में आदेश दिया गया है कि मुकदमे के दौरान अभियुक्त के द्वारा जो सजा भोगी जा चुकी है वह न्याय के सिरो को पूरा करेगी। अर्थदंड का भुगतान न करने पर अभियुक्त को 3 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास का दंड भुगतना होगा।

उक्त घटना सुपेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्मृति नगर की 15 नवंबर 2019 की है। मामले में आरोपी पीड़िता का पति भी है। शादी के 2 महीने के बाद से ही उनके बीच विवाद होने लगा था। घटना के दिन पीड़िता ड्यूट से अपने घर वापस लौट रही थी तभी स्मृति नगर में रास्ते में पति ने उसे रोक लिया और बच्चे की कस्टडी के नाम पर  उनमें विवाद हुआ। वही अचानक आरोपी ने धारदार हथियार निकाल लिया और प्रार्थी के गले तथा कमर पर हमला करने की कोशिश की। उसने अपने शरीर को बचाने का प्रयास किया जिसके प्रयास में उसके हथेली में चोट लगी उसकी हथेली अलग कट गई। 

न्यायालय के समक्ष मामले में विचारण के दौरान प्रार्थी/पीड़िता श्रीमती मजूमदार से बचाव पक्ष के द्वारा लंबी बहस की गई। इस दौरान यह तो स्वीकार किया गया कि आरोपी मानसिक तनाव को दूर करने के लिए गोलियां लेता था लेकिन इससे इनकार किया गया कि उसने इस बीमारी के उपचार के लिए किसी डॉक्टर को दिखाया था। 

प्रकरण में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से यह तर्क दिया गया कि पीड़िता और उसके पति आरोपी का बच्चे की कस्टडी को लेकर विवाद चल रहा है जिसके चलते उसे झूठा फंसाया गया है। न्यायालय ने इस तर्क में कोई वजन नहीं पाया तथा कहा गया कि अभियुक्त के अपराध करने का उद्देश्य भी यही हो सकता है।


प्रकरण में अतिरिक्त लोक अभियोजक संतोष कुमार देवांगन ने अभियोजन का पक्ष रखा। 

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