दुर्ग । असल बात न्यूज़।। 00 विधि संवाददाता पास्को एक्ट में दोषी सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को 3 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है...
दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।
00 विधि संवाददाता
पास्को एक्ट में दोषी सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को 3 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीएससी विशेष न्यायालय दुर्ग श्रीमती संगीता नवीन तिवारी के न्यायालय ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 8 के अपराध का दोषी पाए जाने पर यह सजा सुनाई है। आरोपी पीड़िता के घर दूध देने आता था और उस दिन भी दूध देने आया था तब उसने गलत नियत से पीड़िता की बेज्जती करने का प्रयास किया।
न्यायालय ने इस संवेदनशील मामले में तेजी से विचारण और सुनवाई करते हुए एक साल 6 महीने के भीतर फैसला सुना दिया है।यह घटना जिले के सुपेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत 30जून 2021 की है। अभियोजन पक्ष के द्वारा मामले में प्रस्तुत तथ्यों के अनुसार प्रार्थी पक्ष एवं अभियुक्त एक दूसरे को पहचानते हैं। आरोपी पीड़िता के घर पिछले करीब 10 साल से दूर देने आ रहा था। वह घटना के दिन भी सुबह लगभग 11:30 बजे उसके घर दूध देने आया था। उस दिन उसके पापा, बड़ी बहन के पास अस्पताल गए थे और मां अपने ड्यूटी पर गई थी। आरोपी दूध देने के बाद घर के कमरे में जबरदस्ती घुस आया और बेइज्जती करने की नियत से उसका हाथ पकड़ लिया तथा खींचने लगा। पीड़िता, किसी तरह से कमरे से बाहर निकल आई और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया तथा फोन से अपना माता-पिता को घटना की जानकारी दी।
न्यायालय ने प्रकरण में विचारण के पश्चात आरोपीत पर दोष सिद्ध पाए जाने पर उसे लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 8 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 अर्थदंड की सजा सुनाई है। भारतीय दंड संहिता की धारा 454 के अपराध में उसे 1 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। यह सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पक्ष रखा।