नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर और फिजी के राष्ट्रपति विलियम काटोनिवेरे ने बुधवार को फिजी के नाडी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का ...
नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर और फिजी के
राष्ट्रपति विलियम काटोनिवेरे ने बुधवार को फिजी के नाडी में 12वें विश्व
हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट में कहा कि उद्घाटन
समारोह में सेवु सेवू का पारंपरिक फिजियन स्वागत हुआ और एक स्मारक डाक टिकट
के साथ-साथ छह हिंदी भाषा की किताबों का भी विमोचन किया गया।
“फिजी के राष्ट्रपति रातू विलिमे काटोनिवेरे और डॉ जयशंकर ने फिजी के नाडी
में 12 वें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया।” इस उद्घाटन समारोह में
भारत और फिजी के मंत्रियों और सांसदों द्वारा शामिल।
विदेश मंत्री ने ट्वीट में कहा कि उन्हें 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के
उद्घाटन के अवसर पर पारंपरिक सेवु सेवु स्वागत से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा, ““12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर
राष्ट्रपति रातू विलीमे काटोनिवेरे की उपस्थिति में पारंपरिक सेवुसेवु
स्वागत के लिए अपने आप को बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं।”
उन्होंने पोस्ट किया,“भारत और फिजी के स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि के लिए
प्रार्थना के बाद कावा का पहला प्याला लिया। फिजी के पारंपरिक स्वागत
समारोह में भाग लेकर दिन की शुरुआत की है।
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र
में उद्घाटन भाषण देने में खुशी हो रही है , जो इस आयोजन के लिए फिजी में
हैं। उन्होंने कहा कि “फिजी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के उद्घाटन
सत्र में उद्घाटन भाषण देते हुए खुशी हो रही है, जहां फिजी के राष्ट्रपति
एच.ई.रातु विलियामे काटोनिवेरे और विदेश मंत्री ने अध्यक्षता की थी।”
उन्होंने ट्वीट किया, “पारंपरिक ज्ञान से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक
विस्तृत विषयों को कवर करने वाले आगामी सत्रों को लेकर उत्साहित हूं।”
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2022 में फिजी में नई सरकार के गठन के बाद विदेश मंत्री जयशंकर की यह पहली फिजी यात्रा है।
सम्मेलन स्थल पर हिंदी भाषा के विकास से संबंधित अनेक प्रदर्शनियों का
आयोजन किया जाएगा। सम्मेलन के दौरान भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई
दिल्ली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन आयोजित करने का भी
प्रस्ताव है। पूर्व की परिपाटी के अनुसार सम्मेलन के दौरान भारत तथा अन्य
देशों के हिन्दी विद्वानों को हिन्दी के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए
"विश्व हिन्दी सम्मान" से सम्मानित किया जायेगा।
वर्ष 2018 में मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान इसके
अगले संस्करण को फिजी में आयोजित करने की सिफारिश की गई थी।