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पॉक्सो एक्ट में 20 साल की सजा

  दुर्ग । असल बात न्यूज़।।        00 विधि संवाददाता  पोक्सो एक्ट में अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीए...

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 दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।। 

      00 विधि संवाददाता 

पोक्सो एक्ट में अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीएससी दुर्ग श्रीमती संगीता तिवारी के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। न्यायालय के द्वारा एक ही दिन में दो प्रकरणों में अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है। दूसरे मामले में अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के अपराध में 11 माह 29 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है। 

पास्को एक्ट के मामले में न्यायालय के समक्ष अभियुक्तों ने स्वीकार किया है कि वह आरोपी के शादी करने के बहकावे में आ गई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी शादी का प्रलोभन देकर पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। और भगाकर मोगा पंजाब ले जाकर वहां उसके साथ दुकृत्य किया। प्रकरण में उसके माता-पिता ने नंदिनी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी पुत्री जो कि कक्षा आठवीं तक पढ़ी है 5 अगस्त 2020 शाम को लगभग 6:00 बजे बिना बताए घर से कहीं चली गई।

विवेचना के दौरान पीड़िता 17 सितंबर 2020 को बरामद की गई। न्यायालय के समक्ष अभियोक्तरी ने अपनी जन्मतिथि 30 नवंबर 2005 होना बताया जिससे बचाव पक्ष के द्वारा प्रति  परीक्षण में कोई चुनौती नहीं दी गई।

न्यायालय के समक्ष बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने यह तर्क दिया था कि  अभियोक्तरी के साथ कथित घटना की चिकित्सीय साक्षय से पुष्टि नहीं हुई है। 

न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 2ढ के तहत 3 वर्ष एवं बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा तथा ₹5100 अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अभियुक्त धर्मवीर उर्फ धर्मों उम्र 21 वर्ष जिला मोगा पंजाब का निवासी है। 

न्यायालय के द्वारा इसी एक अन्य प्रकरण में अभियुक्त को दोषी सिद्ध पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा  323 के अपराध 11 माह 29 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण में उल्लेखनीय बात है कि अभियुक्त पीड़िता का पिता ही है। पीड़िता ने शिकायत की थी कि वह अपने 3 बहन एवं एक  छोटे भाई के साथ अपने दादा दादी और पिता के घर रहती थी। उसके पिता अर्थात आरोपी पिछले तीन-चार सालों से घर में रोज शराब गांजा पीकर गाली गलौज एवं मारपीट करते थे तथा रात में मोहल्ले में सामान की चोरी करते थे। आरोपी ने वर्ष 2020 में अपनी मां का सर फोड़ दिया था, जिसकी रिपोर्ट भी वैशाली नगर थाने में दर्ज कराई गई थी। आरोपी, पिछले 4,5 महीने से शराब, गांजा के नशे में उन लोगों पर गलत नियत रखता था तथा गलत काम करने का प्रयास करता था और लात घूसे से मारता था। 

विशेष दांडिक प्रकरण न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी पाए जाने पर सजा सुनाई है। दोनों मामलों में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पक्ष रखा।