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कांग्रेस को उम्मीद10 सवालों का जबाब देने के बाद अब आरक्षण विधेयक पर होगा शीघ्र हस्ताक्षर

  रायपुर । असल बात न्यूज़।।  आरक्षण विधेयक पर राजभवन के दस सवालों का जवाब दे देने के बाद कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस पर अब राज्यपाल का श...

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रायपुर ।

असल बात न्यूज़।। 

आरक्षण विधेयक पर राजभवन के दस सवालों का जवाब दे देने के बाद कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस पर अब राज्यपाल का शीघ्र हस्ताक्षर हो जाएगा। लेकिन यह ऐसा आसान नहीं लगता। हो सकता है कि राज्यपाल के द्वारा इसकी कई तकनीकी बातों की समीक्षा की जाए और तब दस सवालों के जवाब से संतुष्ट होने पर उसके तकनीकी तौर पर खरा उतरने पर उसपर निर्णय हो सकता है।

  आरक्षण शंशोधन विधेयक पर राजभवन के सवालों का जबाब सरकार ने दिया है ।कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अब सर्व समाज के हित में तथा राज्य के युवाओं के भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि राजभवन इस विधेयक पर तत्काल हस्ताक्षर करें ताकि यह विधेयक कानून का रूप ले सके ।विधेयक पर अनावश्यक बिलम्ब करने से प्रदेश के हर वर्ग का नुकसान हो रहा है। सभी विधेयक के कानून बनने का बेसब्री से इंतजार है।

   कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि  सरकार ने सभी संवैधानिक पहलुओं की पड़ताल करके उसका तथ्यात्मक निराकरण करके आरक्षण संशोधन विधेयक बनाया है। जिसे विधानसभा में सर्वसमिति से पारित किया गया। सवालों के जबाब मिलने के बाद इस पर राज्यपाल को अविलंब हस्ताक्षर करना चाहिये। अनावश्यक विलंब करने से हर वर्ग को नुकसान हो रहा सभी के हित में यह जरूरी है कि राजभवन विधेयक पर तत्काल निर्णय ले। कांग्रेस सरकार ने वर्तमान विधेयक को बनाने के ठोस आधारों का अध्ययन किया है। कांग्रेस ने सर्वसमाज को आरक्षण देने अपना काम पूरी ईमानदारी से करके सभी वर्गो के लिये आरक्षण का प्रावधान किया है। अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को उनकी जनगणना के आधार पर तथा पिछड़ा वर्ग को क्वांटी फायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगो को भी 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। 76 प्रतिशत का आरक्षण सभी वर्गो की आबादी के अनुसार निर्णय लिया है। यह विधेयक यदि कानून का रूप लेगा तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंगे यदि कोई अदालत में जायेगा तो भी सरकार के पास आरक्षण के पक्ष में तमाम तर्क संगत कारण है जिसका जवाब दिया जायेगा। भविष्य में क्या होगा इस कल्पना का आधार बनाकर विधेयक को कानून बनने से नहीं रोका जाना चाहिये।