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देश में किसानों को रासायनिक खादों की समुचित आपूर्ति हेतु खुलेंगे,मॉडल उर्वरक दुकान

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।। रासायनिक उर्वरकों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश में अब गांव, ब्लॉक/उप जिला/तालुक और जिल...

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नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।।

रासायनिक उर्वरकों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश में अब गांव, ब्लॉक/उप जिला/तालुक और जिला स्तरीय उर्वरक खुदरा दुकानों को मॉडल उर्वरक खुदरा दुकानों में बदलने की तैयारी की जा रही है।इन मॉडल उर्वरक खुदरा दुकानों में रसायनिक खादों का पर्याप्त भंडारण किया जाएगा तथा यहां से प्रत्येक किसानों को समय पर  निर्धारित कीमत पर खाद उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी और अभी किसानों को खाद के लिए जिस तरह से भड़कना पड़ता है उन समस्याओं को दूर करने की कोशिश की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य में भी इस तरह के मॉडल उर्वरक दुकान खोले जाएंगे।

देश का उर्वरक विभाग रासायनिक खाद ऊपर हितग्राही किसानों को उर्वरक सब्सिडी प्रदान करने के लिए यूरिया सब्सिडी योजना, पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना (एनबीएस) और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) परियोजनाओं जैसी योजनाओं को लागू कर रहा है।मंत्रालय ने उर्वरक सब्सिडी योजना के तहत एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना लागू की है। इससे हितग्राहियों को समय पर उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी वही  बाजार में उपलब्ध रासायनिक खाद ओके कई ब्रांडों में से एक को चुनने में किसानों की दुविधा को दूर हो सकेगी । इस वर्ष के दौरान मौजूदा रासायनिक उर्वरकों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश में गांव, ब्लॉक/उप जिला/तालुक और जिला स्तरीय उर्वरक खुदरा दुकानों को अब मॉडल उर्वरक खुदरा दुकानों में बदलने का निर्णय लिया गया है। ये दुकानें कृषि संबंधी सभी आदानों और सेवाओं के लिए "वन स्टॉप शॉप" के रूप में कार्य करेंगी। जिला स्तर पर 600 खुदरा दुकानों को पीएमकेएसके में बदला गया। 

 पूरे देश में यूरिया को वैधानिक रूप से अधिसूचित एकसमान एमआरपी पर बेचने का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में किसानों को यूरिया की वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) 242 रुपये प्रति 45 किलोग्राम यूरिया की बोरी (नीम कोटिंग और लागू होने वाले करों को छोड़कर) पर किसानों को प्रदान किया जा रहा है। भारत सरकार के द्वारा यूरिया की सुपुर्दगी, लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार वसूली के बीच के अंतर को किसानों को सब्सिडी के रूप में प्रदान की जाती है। इसके अनुसार सभी किसानों को रियायती दरों पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।

 पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना:

पीएण्‍डके उर्वरकों की सब्सिडी दरें पोषक तत्‍व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के अंतर्गत हैं जो वर्ष 2021-22 के लिए 20 मई 2021 और 13 अक्टूबर, 2021 (डीएपी और 3 सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले एनपीके उर्वरकों पर विशेष मुआवजा देते हुए) में वृद्धि की गई थी और इसके बाद खरीफ-2022 (01 अप्रैल 2022 से 30 सितंबर, 2022 तक लागू) के लिए काफी हद तक वृद्धि की गई , ताकि इन उर्वरकों को किसानों को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जा सके। पोषक तत्वों के लिए प्रति किलो सब्सिडी दरों में वृद्धि।

The increase in the per kg subsidy rates for nutrients viz. N, P, K and S under NBS scheme is as under:

 

S.

No.

Nutrients

NBS (Rs. Per Kg

of Nutrient)

NBS (Rs. Per Kg

of Nutrient

NBS (Rs. Per Kg of

Nutrient)

 

 

(from     01.04.2021

to 19.05.2021)

(from     20.05.2021

to 31.03.2022) **

(from 01.04.2022 to

30.09.2022)

1.

N

18.789

18.789

91.96

2.

P

14.888

45.323

72.74

3.

K

10.116

10.116

25.31

4.

S

2.374

2.374

6.94

 

Potash Derived from Molasses (PDM) having potassic content of 14.5% K2O has been notified under NBS. Freight Subsidy has been made admissible on

 

प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विभिन्न पोषक तत्वों जैसे नाइट्रोजन (एन), फास्फोरस (पी), पोटाश (के) और सल्फर (एस) रबी मौसम के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पी एंड के) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) की प्रति किलोग्राम दरों के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।


- 2022-23 (01.10.2022 से 31.03.2023 तक) निम्नानुसार:

2022-23 के दौरान 1.4.2022 से 16.12.2022 तक सब्सिडी खर्च का विवरण इस प्रकार है:

 

पीएंडके पर सब्सिडी

उर्वरक

यूरिया पर सब्सिडी

कुल सब्सिडी खर्च

55648.02

108325.72

163973.74

 

एनबीएस रबी -2022 (01 अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक) के लिए कैबिनेट द्वारा स्वीकृत सब्सिडी रु। माल ढुलाई सब्सिडी के माध्यम से स्वदेशी उर्वरक (एसएसपी) के समर्थन सहित 51,875 करोड़। इससे रबी 2022-23 के दौरान किसानों को सभी पीएण्‍डके उर्वरकों की सब्सिडी वाली/सस्ती कीमतों पर उर्वरकों की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित होगी और कृषि क्षेत्र को समर्थन मिलेगा। उर्वरकों और कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव को मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा अवशोषित किया गया है।

 उर्वरक सब्सिडी भुगतान के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) परियोजना:

उर्वरक विभाग (डीओएफ) ने किसानों को उर्वरक सेवा वितरण में सुधार के उद्देश्य से उर्वरक सब्सिडी भुगतान के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) परियोजना लागू की है। उर्वरक डीबीटी प्रणाली के तहत, खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थियों को की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर उर्वरक कंपनियों को विभिन्न उर्वरक ग्रेड पर 100% सब्सिडी जारी की जाती है। किसानों/खरीदारों को सभी राजसहायता प्राप्त उर्वरकों की बिक्री प्रत्येक खुदरा विक्रेता की दुकान पर स्थापित प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरणों के माध्यम से की जाती है और लाभार्थियों की पहचान आधार कार्ड, केसीसी, मतदाता पहचान पत्र आदि के माध्यम से की जाती है।

योजना/कार्यक्रम का उद्देश्य:

    1. खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थी को वास्तविक बिक्री के आधार पर उर्वरक निर्माण/आयात करने वाली कंपनियों को सब्सिडी का 100% भुगतान।
    2. आधार प्रमाणीकरण, मतदाता पहचान पत्र या केसीसी के आधार पर पीओएस उपकरणों के माध्यम से क्रेता की पहचान।
    3. साप्ताहिक आधार पर सब्सिडी भुगतान की प्रक्रिया।

भौतिक प्रगति के मामले में उपलब्धि:

  1. किसानों को ई-रसीदें: किसान/खरीदार को खाद की प्रत्येक खरीद की रसीद उसके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त हो जाती है। उर्वरक विभाग (डीओएफ) ने 30 सितंबर 2020 को पीओएस 3.1 संस्करण में एसएमएस प्रणाली शुरू की है।
  2. स्टॉक उपलब्धता के लिए एसएमएस: एसएमएस गेटवे समय-समय पर किसान को उस रिटेल आउटलेट पर उर्वरक की उपलब्धता के बारे में एसएमएस भेजता है, जहां से उसने आखिरी बार उर्वरक खरीदा था। किसान/खरीदार मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए रिटेलर आईडी भेजकर किसी भी रिटेल आउटलेट पर उर्वरकों की उपलब्धता की जांच कर सकते हैं। 7738299899.
  3. बिक्री रद्द करने के लिए एसएमएस: यदि किसान उर्वरकों की बिक्री रद्द करता है, तो किसान को स्वचालित रूप से उसके पंजीकृत मोबाइल पर चालान रद्द होने का एसएमएस प्राप्त होगा।
  4. ओटीपी आधारित आधार प्रमाणीकरण: अतिरिक्त संपर्क रहित ओटीपी-आधारित आधार प्रमाणीकरण 30 सितंबर, 2020 को डीबीटी परियोजना में पेश किया गया एक नया विकल्प है