Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

धारा 370 और किशोर न्याय बालकों की देखरेख संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दो आरोपियों को चौदह चौदह साल के सश्रम कारावास की सजा,₹एक लाख का जुर्माना भी

  रायपुर । असल बात न्यूज़।।        00 विधि संवाददाता   छत्तीसगढ़ राज्य से लालच देकर गम्मत नाच कराने के नाम पर तीन अवयस्क बहनों को उत्तर प्रद...

Also Read

 रायपुर ।

असल बात न्यूज़।। 

     00 विधि संवाददाता  

छत्तीसगढ़ राज्य से लालच देकर गम्मत नाच कराने के नाम पर तीन अवयस्क बहनों को उत्तर प्रदेश ले जाने और वहां उनसे दुर्व्यपार कारित  करने और एक बहन को दूसरी नाच पार्टी में विक्रय कर देने के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपियों को 14 -14 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। द्वादश अपर सत्र न्यायाधीश रायपुर लीलाधर साय के न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 370,और  किशोर न्याय बालकों की देखरेख संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत यह सजा सुनाई गई है।

यह मामला रायपुर जिले के खमतराई थाना क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018 का है।  तीन अवयस्क बच्चों की मां ने मामले में खमतराई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले में अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी महेश एवं ललिता देवार ने पीड़िता को उनके घर आकर बताया कि वे उसकी जाति के हैं और आर्केस्ट्रा में काम करते हैं। उन लोगों ने उनकी बच्चियों को भी आर्केस्ट्रा में नाच कराने के लिए उनके साथ भेजने को कहा। आरोपियों ने लालाजी ने बताया था कि इससे उन्हें बहुत पैसे मिलेंगे और उनका जीवन सुधर जाएगा। इसका से बच्चों को ₹50000 से लेकर ₹100000 तक मिल जाएंगे पैसा कमाते रहेंगे और उस पैसे को उनके पास भी भेजेंगे। आरोपियों ने उन्हें अपना मोबाइल नंबर दिया था तीनों अवयस्क  बेटियों को ले जाने के लिए उन्हें ₹साठ हजार रुपए भी दिया।इस राशि से प्रार्थीयां ने तीनों लड़कियों के लिए आर्केस्ट्रा कार्यक्रम में लगने वाले सिंगार का सामान और कपड़े वगैरा खरीद लिया।

बाद में आरोपियों ने उनके बच्चों से कभी बात नहीं कराया। बॉस की एक बच्ची ने लगभग 9 महीने बाद फोन कर बताया कि ललिता देवार और उसका पति महेश उन तीनों बहनों को कपट करके आर्केस्ट्रा कराने के लिए आए हैं और मध्य प्रदेश के ग्राम मुल्लो देवरी,थाना सोनपुर, जिला बालाघाट में रखे हैं और उनकी एक बहन का बिहार भेज दिए हैं। उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं और उन सबको बिहार भेजने की धमकी दे रहे हैं। वे कैसे भी जल्दी आकर  उन्हें ले जाए। 

मामले में सुनवाई और विचारण के पश्चात न्यायालय के द्वारा दोनों औरतों को भारतीय दंड संहिता की धारा 370 छह के तहत 14-14 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। अर्थदंड नहीं अदा करने पर उन्हें 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। न्यायालय ने आरोपियों का वहीं किशोर न्याय बालकों के देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 79 और धारा 81 के तहत दोनों अभियुक्तों को आज 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹100000 के अर्थदंड से दंडित किया है। यह अर्थदंड अदा न करने पर भी आरोपियों को एक एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 

यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।