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आधार हो जाए... तो समाज की जितनी मांग.. उतना प्रतिशत आरक्षण

  भिलाई,दुर्ग । असल बात न्यूज़।।         00 विशेष संवाददाता   मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां कहा है कि राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग का आर...

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 भिलाई,दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।।  

     00 विशेष संवाददाता  

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां कहा है कि राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने की जो मांग है.. ठोस आधार हो जाने पर, समाज के द्वारा जितने प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की जा रही है राज्य सरकार के द्वारा उतना प्रतिशत  आरक्षण लागू कर दिया जाएगा । उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान रखा है।  देश में आरक्षण, संविधान में जो प्रावधान है, उसके अनुसार लागू किया जाता है।बस ठोस आधार मिलना चाहिए,समाज के लोगों की जितना प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की जा रही है वह तुरंत लागू करने के लिए हम तैयार हैं ।वहीं, राज्य सरकार के द्वारा हाल ही में विधानसभा में पारित ने आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल का अब तक हस्ताक्षर नहीं होने के मुद्दे पर यहीं उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि इसमें घुमा क्यों रहे हैं, यह समझ नहीं आ रहा है। हस्ताक्षर नहीं होना है तो उसे  वापस लौटा देना चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में अपने उद्बोधन और उसके बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उक्ताशय की बातें कही है। 

भिलाई में गुरु घासीदास जयंती समारोह धूमधाम से मनाया जा रहा है और इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आने की स्वीकृति कल प्राप्त हो गई थी तब से यह कार्यक्रम कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण हो गया था। छत्तीसगढ़ राज्य में गिरौदपुरी के बाद भिलाई के इस पवित्र स्थान को सतनाम समाज का दूसरा सबसे बड़ा पवित्र धाम माना जाता है और प्रतिवर्ष यहां गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। अभी प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। समाज के लोगों के द्वारा राज्य में उनके लिए आरक्षण का प्रतिशत पूर्ववत 16% लागू रखने की मांग उठाई जा रही है तथा उनके आरक्षण का प्रतिशत कम किए जाने का विरोध किया जा रहा है। इस विरोध के चलते, कुछ स्थानों पर तो समाज के कार्यक्रम में किसी मंत्री और नेता को नहीं बुलाने का निर्णय भी लिया गया गया और जिन्हें, आमंत्रित कर लिया गया था उनका निमंत्रण, निरस्त करने की खबरे, जानकारी भी सामने आई है। ऐसे में जब प्रदेश में सतनामी समाज के के इस दूसरे सबसे बड़े पवित्र स्थल पर अनुसूचित जाति वर्ग का सबसे बड़ा कार्यक्रम आयोजित हो रहा था और उसमें मुख्यमंत्री  भी शामिल हो रहे थे तो आम लोगों के मन में सवाल उठ रहा था कि समाज के लिए आरक्षण के लिए आखिर इस कार्यक्रम में क्या कोई बड़ा निर्णय हो सकता है। क्या कोई बड़ी घोषणा सामने आ सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनुसूचित जाति वर्ग को आरक्षण के मामले में क्या कोई बड़ा आश्वासन दे सकते हैं। ऐसे सवालों की और राजनीतिक गलियारों से जुड़े लोगों के साथ प्रत्येक वर्ग के लोगों की नजर  लगी हुई थी। और सबके लिए यह कार्यक्रम इस मायने में काफी महत्वपूर्ण हो गया था। और जैसी की उम्मीद थी इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण के बारे में शुरुआत से ही ढेर सारी बातें हुई। कार्यक्रम के संचालन कर्ता के साथ समाज के अध्यक्ष मैं अपने प्रतिवेदन में नहीं अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के मुद्दे को जोर-शोर से सबके सामने रखा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूपेश बघेल के साथ राज्य के वरिष्ठ मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया भी उपस्थित थे और उन्होंने अपने उद्बोधन में इस आरक्षण के मुद्दे पर काफी सारी बातें रखी, कई सारे तर्क दिए और आगे क्या हो सकता है इस पर भी अपना विचार सामने रखा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में किए जा रहे विकास कार्यों की बातों के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत की लेकिन उन्हें समारोह में जिस तरह से खामोशी बनी हुई थी,उससे यह जरूर महसूस किया होगा  कि लोग आरक्षण के बारे में अधिक सुनना चाहते हैं और वे अपने उद्बोधन में जल्दी से इस मुद्दे पर आ गए तथा इस मुद्दे पर विस्तार पूर्वक अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और नियम कानून से बंधे हुए हैं नियमों से ऊपर जाकर कोई काम नहीं कर सकते, कोई निर्णय ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि आधार हो जाए तो समाज जितना चाहता है, जो मांग है, राज्य में वैसा आरक्षण लागू किया जाएगा। बस आधार होना चाहिए। 

तो साफ है कि इस कार्यक्रम में बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा हो रहे थे कि आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार का, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का,क्या स्टैंड सामने आता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस कार्यक्रम में आरक्षण के मुद्दे पर खुलकर बात की, मुख्यमंत्री के रूप में अपना पक्ष रखा, राज्य सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के मुद्दे पर दो बातें हो सकती हैं। पहली बात है कि नई जनगणना में अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या स्पष्ट हो जाए। जनसंख्या जितनी अधिक होगी, उसके आधार पर आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया जा सकेगा।दूसरी बात है कि हेड काउंट किया जा सकता है। इसके लिए समाज के लोगों को प्रस्ताव देना होगा। जिन जिन स्थानों पर समाज के जो सामाजिक संगठन है उनको लिख कर देना होगा। तब यह हेड काउंट कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए समाज के लोगों को प्रस्ताव देने आगे आना होगा। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके पहले अपने उद्बोधन में वहीं कहा कि राज्य में हमने अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण में 1% की वृद्धि की है। वर्ष 2012 में इस वर्ग के आरक्षण का प्रतिशत 12% कर दिया गया था जिसे हमने बढ़ाकर 13% कर दिया  है। उन्होंने कहा कि इसका किसी ने स्वागत नहीं किया लेकिन 16% आरक्षण देने के लिए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने आरक्षण के प्रतिशत में कमी आने की वजह पर बात करते हुए कहा कि यहां अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या अधिक हो सकती है। लेकिन जब जनगणना होती है अथवा पिछली जनगणना हुई थी, तब जानकारी के अनुसार यहां से इस वर्ग के लोगों का अच्छे काम के लिए दूसरे राज्यों में पलायन हो गया था। इससे जनगणना में उनका नाम नहीं आया। दूसरी बात हजारों लोगों ने जनगणना के दौरान उसमें जो आंदोलन चल रहा था उसके चलते अपनी जाति में सतनाम लिख दिया उससे भी उनका नाम इस वर्ग से कट गया। नई जनगणना में समाज के लोगों का भी इन सब विसंगतियों को दूर करने हेतु खुलकर सामने आना होगा और जनगणना में सभी का नाम सही जानकारी के साथ लिखाना होगा। उन्होंने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश में इस वर्ग की जनसंख्या अधिक थी तब उसके आधार पर पूरे प्रदेश में 16% आरक्षण लागू था। मध्य प्रदेश के अलग हो जाने के बाद यहां शहर की जनसंख्या कम आंकी गई है। काव्या 12% आरक्षण निर्धारित किया गया है। हमने इसे बढ़ाकर 13% कर दिया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी ने हमें मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया है। यह संदेश सभी को एक समान समझना और इसके मुताबिक सत्य निष्ठा से कार्य करने का संदेश है। हम बाबा के संदेशों का पालन कर रहे हैं और छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही संदेश बाबा साहब का भी है, जनगणना के मुताबिक सभी वर्गों को आरक्षण मिले, यह व्यवस्था बाबा साहब ने संविधान में की है। इसके मुताबिक हमने जिलों में तृतीय वर्ग एवं चतुर्थ वर्ग की नियुक्तियों में आरक्षण की व्यवस्था जनगणना के आधार पर की है।

मुख्यमंत्री ने भिलाई में बाबा गुरू घासीदास जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार किसानों मजदूरों की सरकार है और सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए गुरु घासीदास जी जैसे महापुरुषों के संदेश का पालन करते हुए सब के विकास के लिए कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु घासीदास जी का संदेश था समाज में समता स्थापित करना, उनके इस संदेश को हमने केंद्र में रखा है। किसी के साथ भेदभाव ना हो और सब का समुचित विकास हो, इसी संवैधानिक भावना और महापुरुषों के दिखाए रास्ते के मुताबिक हम कार्य कर रहे हैं। 

इस मौके पर अपने संबोधन में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि बाबा साहब का मनखे-मनखे एक समान का संदेश हमारी सामाजिक समरसता के बारे में गहराई से बताता है। हमारी छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियां इसी दिशा में कार्य करती है। अपने संबोधन में नगरी प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास ने सत्य के पालन का संदेश दिया। उनका यह संदेश सबके लिए मार्गदर्शक है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने समाज के विभिन्न मांगों के लिए  एक करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की। 

इस मौके पर विधायक  देवेंद्र यादव, विधायक कुंवर सिंह निषाद, महापौर श्री नीरज पॉल, श्रीमती शशि सिन्हा, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र साहू, केशव बंटी हरमुख, नंद कुमार सेन एवं समाज के पदाधिकारीगण मौजूद थे।