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मास्क के दिन आए! कर्नाटक, मुंबई से दिल्ली AIIMS तक एडवाइजरी जारी

  बेंगलुरु . कोरोनावायरस को लेकर बढ़ती आशंका के बीच एक बार फिर से मास्क की वापसी शुरू हो गई है। कर्नाटक में स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुव...

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बेंगलुरु. कोरोनावायरस को लेकर बढ़ती आशंका के बीच एक बार फिर से मास्क की वापसी शुरू हो गई है। कर्नाटक में स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल जारी किया है। इसमें मास्क लगाने को एक बार फिर से अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक, लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। कर्नाटक के अलावा, महाराष्ट्र में भी मास्क की वापसी के आसार दिख रहे हैं। मुंबई के मुंबा देवी मंदिर प्रबंधन ने भक्तों से अपील की है कि वे मंदिर में दर्शन के दौरान मास्क लगाने के आदेश का पालन करें।

दिल्ली AIIMS में मास्क जरूरी

कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली एम्स ने भी एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि अब एम्स के स्टाफ को अस्पताल परिसर में कोविड नियमों का पालन करना होगा। अस्पताल प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन ते मुताबिक, अब परिसर में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही पांच से ज्यादा लोगों के जमा होने पर भी रोक लगा दी गई है।

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने लोगों से मास्क पहनने की अपील की

राष्ट्रीय राजधानी के लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने बृहस्पतिवार को लोगों से अपील की कि वे कोविड-रोधी टीके की एहतियाती खुराक लें और आने वाले त्योहारी मौसम में सावधानी बरतें तथा मास्क पहनें। अमेरिका, जापान, कोरिया, ब्राजील और चीन में संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने के मद्देनजर केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परिपत्र भेजा है, जिसमें वायरस के नए स्वरूप को समझने के लिए हाल ही में संक्रमित पाए गए लोगों के नमूनों के जीनोम अनुक्रमण कराने को कहा गया है।

भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लोगों को मास्क पहनने के बारे में जागरुक करें: यूपी CM

चीन में कोरोना की नयी लहर को लेकर व्याप्त चिंता के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को राज्य में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लोगों को मास्क पहनने के लिये जागरूक करने और संक्रमण के हर मामले की जीनोम अनुक्रमण कराने के निर्देश दिए। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड प्रबंधन के लिए गठित उच्चस्तरीय टीम के साथ प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

आदित्यनाथ ने कहा कि चीन सहित दुनिया के कई देशों में पिछले एक हफ्ते से कोविड संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है लेकिन उत्तर प्रदेश में हालात सामान्य हैं और पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में एक भी नया मामला सामने नहीं आया है, फिर भी हमें सतर्क रहने की जरूरत है। घबराने की नहीं, बल्कि सर्तकता व सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

कर्नाटक में भी वापस आए मास्क के दिन

कर्नाटक सरकार की एडवाइजरी के अनुसार बंद जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा, विदेश से आने वाले यात्रियों की कोविड-19 की रैंडम जांच की जाएगी। अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लांट और जनरेटर तैयार रखने को कहा गया है। सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों को कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग बेड की व्यवस्था करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग टीके की तीसरी खुराक के साथ पात्र लाभार्थियों को टीका लगाने के लिए और अधिक टीकाकरण शिविर भी लगाएगा।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा सुझाए जाने वाले एहतियाती उपायों के क्रियान्वयन में जनता के सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने लोगों से कोविड रोधी टीके की एहतियाती खुराक लगवाने की अपील भी की। बोम्मई ने दुनिया के कुछ देशों में कोविड-19 के नये मामलों में वृद्धि और देश में सार्स-कोव-2 वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से विकसित बीएफ.7 प्रकार से संक्रमित मरीज मिलने के बीच यह अपील की।

उन्होंने बृहस्पतिवार को कोविड तकनीकी सलाहकार समिति की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ कोविड-19 की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी और संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए जाने वाले एहतियाती उपायों पर फैसला लिया जाएगा।
 बोम्मई ने कहा, “ऐसे समय में जब इस बात को लेकर निश्चिंत थे कि कोविड चला गया है, अन्य देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। यह संक्रामक है। यह एक देश (चीन) से पूरी दुनिया में फैलता है। इसलिए राज्य और केंद्र, दोनों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है, क्योंकि वायरस बिजली से भी तेज गति से चलते हैं।”

मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में कहा कि मौजूदा हालात में बचाव पर ज्यादा ध्यान होना चाहिए। उन्होंने कहा, “बचाव के लिए जल्द पाबंदियां लगाना और एहतियाती खुराक देना अहम होगा। हमने एहतियाती खुराक देने के प्रयास किए, लेकिन लोगों में पहली और दूसरी खुराक जितनी दिलचस्पी नहीं दिखी और यह प्रवृत्ति पूरे देश में नजर आई। हम इसे (एहतियाती खुराक को) अहमियत देंगे।”