सिर पर कलश लेकर महिलाएं करती हैं नृत्य, धान का चढ़ावा झींझी देवी को करती हैं अर्पित थारू जनजाति की महिलाएं करती हैं, सुंदर वेशभूषा और खास...
सिर पर कलश लेकर महिलाएं करती हैं नृत्य, धान का चढ़ावा झींझी देवी को करती हैं अर्पित
थारू जनजाति की महिलाएं करती हैं, सुंदर वेशभूषा और खास जनजातीय उपकरणों के साथ आकर्षक नृत्य से जनसमूह झूमा
रायपुर,



इस सुंदर नृत्य को देखकर बहुत से लोगों ने इसकी तुलना छत्तीसगढ़ के सुआ नृत्य से की और दोनों में जो अंतर हैं उनके बारे में चर्चा करने लगे।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से देश भर में चर्चित नृत्य के रूपों को दिखाने का शानदार मंच रायपुर में लोक कलाकारों को मिला है। इनमें से बहुत से नृत्य हमारी समृद्ध कृषक संस्कृति को दिखाते हैं। हमारी कृषक संस्कृति में श्रम के साथ दानशीलता की भी सुंदर परंपरा है। यह सुंदर परंपरा सुआ नृत्य में भी देखने को मिलती है और झींझी नृत्य में भी।

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