पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण होने के कारण पूर्णिमा से जुड़े कार्य एक दिन पहले या ग्रहण के बाद शाम को किए जा सकते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर स्ना...
पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण होने के कारण पूर्णिमा से जुड़े कार्य एक दिन पहले या ग्रहण के बाद शाम को किए जा सकते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान का बहुत महत्व है। इसके अलावा इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दीपदान भी किए जाते हैं। इस बार दो दिन दीपदान हो सकते हैं। पंड़ितों के अनुसार 6 नवंबर की शाम को चतुर्दशी होने के कारण 6 नवंबर से 7 नवंबर तक दीपदान किया जा सकता है।। जबकि पूर्णिमा वाले दिन ग्रहण होने के कारण गंगा स्नान पड़वा में सुबह भी किया जा सकता है।
अगर आप कार्तिक पूर्णिमा पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए करना चाहते हैं तो दीपदान 6 नवंबर की शाम तक किया जा सकता है। क्योंकि 6 नवंबर दोपहर 4.27 बजे से चतुर्दशी लग जाएगी। जो अगले दिन 7 नवंबर की शाम साढ़े चार बजे तक रहेगी। इस लिए दिवंगतों की आत्मशांति के लिए 6 नवंबर की शाम से 7 की शाम तक दीपदान हो सकता है। 7 नवंबर की शाम को पूर्णिमा आ रही है, परंतु स्नान सुबह को होता है। दरअसल पूर्णिमा पर 9 घंटे पहले चंद्र ग्रहण का सूतक लग रहा है। सुबह 6.39 बजे से सूतक लग रहे हैं। चंद्रग्रहण दोपहर 2.39 बजे से 6.19 बजे तक है। इस लिए 9 नवंबर को गंगा स्नान कर सकते हैं।