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सामूहिक बलात्कार के मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

भिलाई 3 का बहुचर्चित मामला, लगभग 7 साल बाद मिला न्याय, दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा   दुर्ग । असल बात न्यूज़।।        00  विधि संवादद...

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भिलाई 3 का बहुचर्चित मामला, लगभग 7 साल बाद मिला न्याय, दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

 दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।। 

     00  विधि संवाददाता  

पीड़िता के साथ मारपीट कर जबरदस्ती बलात्कार करने और उसके बाद  जान से मारने की नियत से उसे आग लगा देने के दिल दहला देने वाले मामले में न्यायालय ने आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास तथा ₹5000 अर्थदंड देने की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपियों को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगताई जाएगी। अपर सत्र न्यायाधीश दुर्ग एफटीसी मान. गणेश राम पटेल के न्यायालय ने उक्त सजा सुनाई है। आरोपीगण गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक अभिरक्षा में है। 

यह मामला भिलाई 3 थाना क्षेत्र के अंतर्गत उरला भाटा का है। इस मामले को लेकर स्थानीय नागरिक लंबे समय तक उद्वेलित रहे थे। मामले में दो अभियुक्त इकबाल खान निवासी उरला रामसागर पारा और हंस राज साहू निवासी रामसागर पारा भिलाई तीन हैं।

लगभग 7 साल पुराने इस मामले में 3 दिसंबर 2015 को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ आरोपी एक महिला के साथ मारपीट कर रहे हैं। पुलिस वहां पहुंची तो पीड़िता जली हुई हालत में मिली। उसे दुर्ग जिला अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती कराया गया। पीड़िता का मृत्यु पूर्व कार्यपालिक दंडाधिकारी दुर्ग के द्वारा मरणासन्न कथन लिया गया। बाद में 31 जनवरी 2016 को पीड़िता की जिला अस्पताल के बर्न यूनिट में ही दर्दनाक मौत हो गई। 

पीड़ित महिला ने कार्यपालक दंडाधिकारी दुर्ग को मृत्यु पूर्व बयान में बताया कि घटना के दिन रायपुर नाका के पास से पार्टी में काम करने के लिए रायपुर जाना है बोलकर आरोपियों ने उसे उरला भाठा ले जा कर उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार करने का प्रयास किया। विरोध करने पर हाथ मुक्के से उसके साथ मारपीट की गई एवं जबरदस्ती उसके साथ बलात्कार किया गया तथा जान से मारने की नियत से उसे आग लगाकर जला दिया गया।

मोहम्मद इकबाल पीड़िता का पड़ोसी है और रिश्ते में दमाद लगता है। मोहम्मद इकबाल ने दोस्त हंसराज साहू के साथ एक राय होकर अपराध कार्य करना स्वीकार किया। मामले में माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि अभियुक्तों के द्वारा पीड़िता के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध बलातसंग किया गया और आग से जला दिया गया। आग से बुरी तरह से जल जाने की वजह से बाद में उसकी मृत्यु हो गई। 

न्यायालय के द्वारा मामले में मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 378 भाग 302, 376 घ के तहत विचारण करते हुए उक्त सजा सुनाई गई है। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक पूजा मोगरी ने पक्ष रखा।