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स्वामी स्वरुपानंद महाविद्यालय में "अच्छे स्वास्थ्य के लिये तनाव प्रबंधन" पर व्याख्यान

  भिलाई । असल बात न्यूज़।।  स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में आईक्यूएसी एवं परामर्श एवं निर्देशन सेल के संयुक्त त...

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 भिलाई ।

असल बात न्यूज़।। 

स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में आईक्यूएसी एवं परामर्श एवं निर्देशन सेल के संयुक्त तत्वावधान में अच्छे स्वास्थ्य के लिये तनाव प्रबंधन विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रुप में मिस शुची इंम्पावरमेंट एड़वाईजर, इंफ्लूएंसर इंटरनेशनल स्पिकर लॉफ्टर थेरेपिस्ट , सिंगापुर उपस्थित हुई। आपकी खुशी की चाबियां कहां हैं, सिंगापुर की प्रभावशाली वक्ता सुश्री शुची इस महीने छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं वह तनाव प्रबंधन और खुशी के बारे में जागरूकता पैदा करना पसंद करती है।

कार्यक्रम के उदेश्यों पर प्रकाश डालते हुये डॉ. शैलजा पवार स.प्रा. शिक्षा ने कहा आज के समय में पढ़ाई, कैरियर को लेकर विद्यार्थियों में तनाव बहुत है, हम जहां कार्य करते है वहां तनाव का सामना करना पड़ता है इन तनाव को दूर कर हम अपने कार्यक्षमता को कैसे बढायें।

आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. शिवानी शर्मा ने बताया तनाव से हमारे अंदर अनेक नकारात्मक विचार आने लगते है जिससे हमारा स्वास्थ्य प्रभावित होता है आज के आपाधापी जीवन में हम हंसना भूल गये है, हंसना भी कई प्रकार के तनाव को दूर करता है।

कार्यक्रम आयोजन के लिये महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारणी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने बधाई दी व कहा आज पढ़ाई, नौकरी हर क्षेत्र में तनाव है जिसके कारण डिप्रेशन समस्या बढ़ते जा रही है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा हम दूसरे के तनाव को अपने मुस्कुराहट व शालीन व्यवहार से दूर कर सकते है हम जिस ओरा में रहते है वह हमें उसी प्रकार प्रभावित करता है जिस प्रकार दपर्ण से रौशनी प्रभावित होती है। परामर्श निर्देशन सेल की संयोजिका डॉ. अजरा हुसेन ने कहा आज छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव लेने लगते है जो हमारे स्वास्थ्य व आपसी संबंधों पर बुरा प्रभाव डालता है।

अपने व्याख्यान में मिस शुची ने अपने अनुभवों को बताया कि अपनी मॉं की मृत्यु के पश्चात्  कैसे वे इस तनाव और डिप्रेशन से खुद को मुक्त कर पाई है। मिस शुची ने कहा कि प्रसन्नता की चाबी हमारे हाथ में है। हम अपनी असफलता के लिए दूसरों को दोष ना दें। हर निगेटिव परिस्थिति या व्यक्ति हमें कुछ ना कुछ सिखा कर जाता है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य तथा प्रसन्न रहने के लिए तीन सेकण्ड गले लगने, हाथ मिलाने, प्रकृति के सानिध्य में रहने, छोटी-छोटी बातों का उत्सव मनाने, स्वास्थ्यवर्धक चीजों का सेवन करने जैसे ब्लू बेरी, केला, डार्क चॉकलेट, बादाम खाना और लॉफ्टर थेरेपी को बहुत महत्वपूर्ण बताये। स्ट्रैस फ्री रहने के लिए सेरोटोनिन, डोफेमिन, एनडोरफिन्स, आक्टोसिन हेपी हॉरमोन्स है जिससे तनाव मुक्त रहा जा सकता है। तनाव मुक्त रहने के लिए परिवार के साथ भोजन बनाना ,नई भाषा सीखना, अपनी रुचियों पर काम करना, वॉंकिंग, अपने प्रति अपनी सोच को सकारात्मक रखना भी मददगार हो सकते है। उन्होंने बताया कि हंसी कई अंगों को उत्तेजित कर सकती है। हँसी आपके ऑक्सीजन युक्त हवा के सेवन को बढ़ाती है, आपके दिल, फेफड़ों और मांसपेशियों को उत्तेजित करती है, और आपके मस्तिष्क द्वारा जारी किए गए एंडोर्फिन को बढ़ाती है। अपने तनाव प्रतिक्रिया को सक्रिय और राहत दें। छात्रों को हैप्पी हार्मोन के बारे में अधिक जानने में दिलचस्पी थी और उन्होंने अपने जीवन में अपनी खुशी की कुंजी लेने का फैसला किया। यह सोचने का समय है कि आपकी खुशी की कुंजी किसके पास है और आप तनाव का प्रबंधन कैसे करते हैं

डॉ. शैलजा पवार द्वारा पूछे जाने पर की आजकल बच्चे सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताते है रातभर जागते है व दिनभर सोते है, कहा आप तकनीकि को मशीन जैसे उपयोग करें ताकि वह आपको गुलाम न बना लें। मुकेश्वर देशमुख के पूछे जाने पर मैं बहुत अधिक कल्पनाशील हुं उस पर कैसे काबू पाउॅं उसने कहा विचारों को विचार की तरह रखिये उसे हावी न होने दे। मालविका द्वारा पूछे जाने पर मैं अपनी बातें अच्छे से नहीं रख पाती तो उन्होंने कहा अपने विचारों का मंथन करिये फिर सामने रखें। स.प्रा. जीनत द्वारा पूछे जाने पर मैं पॉजीटिव हॅू पर बाहर से नकारात्मकता आ जाती है तब मिस शुची ने कहा हमें बड़े कुछ कहते है उसे समझने का प्रयास करना चाहिये। हम उनके विचारों को समझ जाये तो समस्या समाप्त हो जायेगी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों ने अपना योगदान दिया। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. शैलजा पवार स.प्रा. शिक्षा विभाग व अतिथियों का परिचय एवं धन्यवाद स.प्रा. संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने दिया।