धर्मशाला . चुनावों जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं, नेताओं के बोल बिगड़ने लगे हैं। विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को एक ऐसा ही ऑडियो वायरल हो ...
धर्मशाला. चुनावों जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं, नेताओं के बोल बिगड़ने लगे हैं। विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को एक ऐसा ही ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भाजपा की दो नेत्रियां आपस में धमकी भरे लहजे में एक-दूसरे को खूब खरी-खोटी सुना रही हैं। ऑडियो में एक नेत्री दूसरी को चपेड़ (थप्पड़) मारने की धमकी दे रही है। फोन कॉल का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दिन भर इसकी खूब चर्चाएं हुईं। दोनों नेत्रियों के बीच हुई बातचीत के अंश इस प्रकार से हैं -
पहली नेत्रीः हैलो
दूसरी नेत्री : हां जी, बोलो
पहली नेत्रीः हां, प्रेरणा कैसे हो?
दूसरी नेत्री :बढ़िया जी, आप बोलो?
पहली नेत्रीः मैं भी ठीक हूं। लेकिन आप ना ये जो उल्टा-सीधा लिख रहे हो ना। इसको बंद कर दो।
दूसरी नेत्री : तो आप लोगों ने... मैंने क्या लिखा आपके लिए ?
पहली नेत्रीः मैंने बोल दिया ना एक बार। मेरे को किसी और की तरह मत समझना।
दूसरी नेत्री : मुझे धमकी दे रही हो?
पहली नेत्रीः हां, मैं धमकी दे रही हूं। आज के बाद तूने मेरे बारे में कुछ उल्टा-सीधा लिखा तो मैंने आकर वो चपेड़नी (थप्पड़ मारने) कि सारी उम्र याद रखेगी। समझ आ गई?
दूसरी नेत्री : तू अपनी राजनीति मुझे मत दिखा। तेरी राजनीति है चार दिन की। हमें बड़े साल हो गए। समझ आ गई और आज के बाद मेरे बारे में कुछ उल्टा-सीधा बोला या लिखा तो सरेआम कचहरी अड्डे में आकर तेरे को चपेड़ें टिकटाऊंगी। ये याद रखना। तू आशू बुलोरिया को अभी जानती नहीं। तू किसी और के भुलेखे में जा रही है।
पहली नेत्रीः वो और औरते होंगी जो तेरी सुनती थी। समझ आ गई। तू अपनी राजनीति अपने तक रख ले…फर्स्ट एंड लास्ट।
दूसरी नेत्री : तू धमकी दे रही है? तू धमकी दे रही है?
पहली नेत्रीः ये चमचागिरी किसी और को दिखाना। मुझे नहीं दिखानी। मुझे नहीं दिखानी। मैं तेरे साथ न बात करती हूं, न तेरे मुंह पर थूकती हूं। तो मेरे साथ पंगा नहीं लेना। तेरी-मेरी कोई दुश्मनी नहीं थी। तू जानबूझकर अपने आपको हाईलाइट मत कर कि जो कुछ हूं मैं हूं। ये सब धरे के धरे रह जाते हैं।
दूसरी नेत्री :मेरी भी बात सुन लें।
पहली नेत्रीःमेरी बात सुन ले ध्यान से। मैंने तेरे को बोल दिया। तू अपने आपको ज्यादा राजनेता मत समझ। चार दिन की राजनीति में ज्यादा कुछ नहीं बचता। मैंने तेरे को समझाना था, समझा दिया। ऐसा न हो कि सारा धरा का धरा रह जाए।
दूसरी नेत्री :तेरी तरह नहीं हूं मैं...
पहली नेत्रीः तेरी औकात जानती हूं मैं...कहीं की। समझ आई। तेरी औकात मैं जानती हूं। मेरे बारे में उल्टा-सीधा लिखा तो छोड़ूंगी नहीं। मेरे से पंगा न लेना। तेरे को बाकियों ने छोड़ दिया होगा, मैं नहीं छोड़ूंगी। फर्स्ट एंड लास्ट बोल दिया। अब तू अपने बारे में सोच लेना। तेरी जैसी बड़ी देखी मैंने।