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स्वरूपानंद महाविद्यालय में विश्व मेडिटेशन दिवस का आयोजन

  भिलाई। असल बात न्यूज़।।   स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत , कला एवं माइक्रोबायोल...

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भिलाई।

असल बात न्यूज़।।

 स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत , कला एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विश्व मेडिटेशन दिवस का आयोजन किया गया l कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए संयोजिका डॉक्टर सावित्री शर्मा ने बताया, कि मेडिटेशन के महत्व एवं इसके लाभ को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने एवं उन्हें इसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाता है l विश्व मेडिटेशन दिवस प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के उत्कृष्ट दिनों में से एक है l यह दिवस मनाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि व्यक्ति के जीवन में आज ठहराव की कोई जगह नहीं बची है l भागदौड़ की जिंदगी में मानसिक एवं शारीरिक लाभ हेतु मेडिटेशन अत्यंत आवश्यक है ,इससे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य सुदृढ़ हो होता है l

 महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा  कि वर्तमान में तेजी से बढ़ती जा रही बीमारियां जैसे- ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट अटैक से बचने के लिए मेडिटेशन करना अत्यंत आवश्यक है l आज अधिकांश युवा पीढ़ी एवं नौकरी पेशा डिप्रेशन का शिकार हो जाते है l जब हम किसी के व्यवहार से बहुत परेशान होते हैं, स्वयं को संभाल नहीं पाते ऐसी स्थिति में मेडिटेशन हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ हमारी केंद्रित होने की शक्ति को बढ़ाता है l

 महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ हसा  शुक्ला ने कहा, कि वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति ऊंचाइयों को प्राप्त करना चाहता है, जहां उसे समस्त साधन आसानी से उपलब्ध हो सके l लेकिन वास्तव में ऐसा संभव नहीं होता l अपनी असफलताओं एवं नाकामियों से व्यक्ति डिप्रेशन का भी शिकार हो जाता है, लेकिन यदि हम अपने प्रयासों के साथ साथ ऐसी तकनीक भी सीख जाएं ,जिससे अपने मन को स्थिर रख सके इसके लिए मेडिटेशन अत्यंत आवश्यक है  l 

मेडिटेशन सत्र के दौरान प्राध्यापिका एवं विद्यार्थियों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए l माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शमा बैग ने कहा कि वह नियमित रूप से कार्य दिवस में मेडिटेशन करती हैं ,और अवकाश के दिन प्राकृतिक वातावरण के सानिध्य में मेडिटेशन से असीम शांति का अनुभव होता है l क्रीड़ा अधिकारी श्री मुरली मनोहर तिवारी ने कहा कि वह नियमित रूप से विद्यार्थियों को मेडिटेशन करने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्होंने यह अनुभव किया कि खेल के क्षेत्र में जहां प्रत्येक विद्यार्थी केवल जीतना चाहता है और अत्यधिक दबाव में तनाव ग्रसित हो जाता है l ऐसी स्थिति में मेडिटेशन ही एकमात्र उपाय उपाय है l   हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता वर्मा ने कहा कि प्रारंभ में यह कार्य चुनौतीपूर्ण लगता है ,क्योंकि हम अपने दिमाग से नकारात्मक विचारों को निकालने में सफल नहीं हो पाते है एवं  हमारा दिमाग भी अपने दैनिक जीवन में मानसिक शांति का आदि नहीं होता  है ,लेकिन मेडिटेशन अभ्यास तनाव को कम करके व्यक्तियों में  फोकस शक्ति को बढ़ाता है l अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती संयुक्ता  ने कहा कि  विशेषज्ञों का भी यही कहना है ,कि मेडिटेशन अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग शारीरिक गतिविधियों द्वारा किया जा सकता है l  कुछ व्यक्ति ध्यान योग ,व्यायाम के माध्यम से करते हैं और कुछ लोग इसके लिए जिम, प्राकृतिक वातावरण, घर के बगीचे आदि स्थान का चयन करते हैं l एमएससी माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा कोमल देवांगन ने कहा की उन्हे वाटर मेडिटेशन करना अच्छा  हैl कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त प्राध्यापिका एवं  विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया l