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अजोला पशुओं को खिलाएं तो दूध उत्पादन में होगी 20 प्रतिशत तक वृद्धि

  *-धमधा और पाटन के गौठानों में निरीक्षण पर पहुंचे जिला पंचायत सीईओ, छोटी-छोटी बारीकियों पर ध्यान देने और इन नवाचारों को अपनाने की दी सलाह *...

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*-धमधा और पाटन के गौठानों में निरीक्षण पर पहुंचे जिला पंचायत सीईओ, छोटी-छोटी बारीकियों पर ध्यान देने और इन नवाचारों को अपनाने की दी सलाह

*-कहा कई गौठानों ने किये अनुपम नवाचार, एक-दूसरे की अच्छी पद्धतियों को लागू कर लें तो हर गौठान बन जाएंगे उत्कृष्ट गौठान

दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।।

जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन ने धमधा और पाटन ब्लाक के लिटिया, मुरमुंदा, बरहापुर, गाड़ाडीह, महुदा और केसरा जैसे गौठानों का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने इन गौठानों में चल रही गतिविधियों और नवाचार को देखा। जब सीईओ पहुंचे, उस समय पशुओं को चारे में अजोला मिलाकर खिलाया जा रहा था। सीईओ ने पूछा कि अजोला देने से क्या लाभ होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि यह पौष्टिक चारा है इससे दूध उत्पादन बढ़ता है। सीईओ ने बताया कि डेढ़ से दो किलो अजोला प्रतिदिन मवेशियों को दें तो उत्पादन में पंद्रह फीसदी से 20 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।

 उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हम सबको नवाचारों के लाभ मालूम है लेकिन स्पष्ट लाभ तथ्यों से बताएं तो इनका इंपैक्ट ज्यादा होगा और समूह इन्हें अधिक रुचि से अपनाएंगे। गाड़ाडीह में समूह की महिलाएं मुर्गीपालन कर रही हैं। उन्होंने समूह की इस संबंध में गतिविधियां और इसके मार्केट तक पहुंच बनाने के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस पर सीईओ ने प्रसन्नता जाहिर की। सीईओ ने बताया कि मार्केट तक पहुंच बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। स्थानीय जरूरतों के मुताबिक उत्पादन करें और ऐसे लक्षित उपभोक्ता समूह तक जाएं जिन्हें आपके उत्पादों की सबसे ज्यादा जरूरत हो। उन्होंने समूह की तकनीकी जानकारी पर भी प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हर कार्य की अलग सी बारीकियां होती हैं। इन्हें ध्यान में रखकर काम किये जाने पर लक्ष्य हासिल करने की संभावना काफी बढ़ जाती है और आर्थिक आय के अवसर भी बढ़ते हैं। सीईओ ने इस मौके पर वर्मी कंपोस्ट बनाये जाने की प्रक्रिया भी देखी।

 उन्होंने कहा कि वर्मी बनाये जाने में ऐसे केंचुओं की प्रजाति को प्रमुखता से लीजिए जिसमें वृद्धि तेज हो और तापमान के उतार-चढ़ाव को सहने में भी सक्षम हो। उन्होंने केसरा में बाड़ी भी देखी। सीईओ ने कहा कि बाड़ी योजना के माध्यम से न केवल अतिरिक्त आय का रास्ता खुलता है अपितु बच्चों के लिए सुपोषित आहार भी प्राप्त होता है। एक साथ आर्थिक आय और सुपोषण के राह में यह योजना बेहद सहायक है। सीईओ ने क्लस्टरवाइज अधिकारियों की बैठक भी ली और क्लस्टर में आने वाले गौठानों में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की और इनके लिए आवश्यक सुझाव दिये।