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छत्तीसगढ़, को वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की कमी को पूरा करने 3,000 करोड रुपए से अधिक की उधारी मिली

  छत्तीसगढ़ राज्य को उधारी के रूप में फिर एक बड़ी राशि मिली है। यह राशि केंद्र सरकार से  वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की कमी को पूर...

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 छत्तीसगढ़ राज्य को उधारी के रूप में फिर एक बड़ी राशि मिली है। यह राशि केंद्र सरकार से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिए मिली है।  यह राशि फिलहाल 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है।यह राशि सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य को ही  नहीं मिली है बल्कि इस रूप में सभी राज्यों एवं विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अब तक कुल 90,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इस तरह से जारी की गई राशि की यह 15 वी किश्त है।

0  नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
0  असल बात न्यूज़
0   विशेष रिपोर्ट
देश में Goods and service tax सिस्टम लागू होने के बाद  वित्तीय कार्यप्रणाली व व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। राज्यो को जीएसटी से क्षति हुई है तो केंद्र सरकार के द्वारा इसकी क्षतिपूर्ति की जा रही है।भारत सरकार ने अक्टूबर, 2020 में जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न राजस्व में 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए एक विशेष उधार खिड़की की स्थापना की है। 

ताजा प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को अभी 6, हजार करोड़ रुपये की 15वीं साप्ताहिक किस्त जारी की है। इसमें से 5,516.60 करोड़ रुपये की राशि 23 राज्यों को जारी की गई है और 483.40 करोड़ रुपये की राशि 3 विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुदुचेरी) के लिए जारी की गई है। ये राज्य वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद के सदस्य हैं। शेष 5 राज्यों, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राजस्व का अंतर नहीं है।

अब तक, कुल अनुमानित जीएसटी क्षतिपूर्ति की 81 प्रतिशत राशि राज्यों और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जारी कर दी गई है। इसमें से 82,132.76 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को जारी की गई है और विधान सभा वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों को  7,867.24 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।



भारत सरकार ने अक्टूबर, 2020 में जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न राजस्व में 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए एक विशेष उधार खिड़की की स्थापना की थी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भारत सरकार के द्वारा इस खिड़की के माध्यम से ऋण प्रदान किया जा रहा है। 23 अक्टूबर, 2020 से शुरू होकर अब तक 15 दौर की उधारी प्रदान करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

इस सप्ताह जारी की गई राशि राज्यों को प्रदान किए गए ऐसे धन की 15 वीं किस्त थी। इस सप्ताह यह राशि 5.5288 प्रतिशत की ब्याज दर पर उधारी प्रदान की गई है। अब तक, केंद्र सरकार द्वारा विशेष उधार खिड़की के माध्यम से 4.7921% की औसत ब्याज दर पर 90,000 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है।

जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए विशेष उधार लेने वाली खिड़की के माध्यम से धन प्रदान करने के अलावा, भारत सरकार ने राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी है जो विकल्प-I चुन रहे हैं। यह उधारी जीएसटी क्षतिपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिये और अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों को जुटाने में मदद करने के लिए है। सभी राज्यों ने विकल्प-I के लिए अपनी प्राथमिकता दी है। इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को कुल 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत सहित) उधार लेने की अनुमति दी गई है।


जीएसडीपी की 0.50 प्रतिशत की राज्यवार अतिरिक्त उधार की अनुमति दी गई और विशेष खिड़की के माध्यम से जुटाई गई धनराशि की राशि राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में दिनांक 01.02.2021 तक वितरित कर दी गई है

(करोड़रुपयेमें)

क्रमसंख्या

राज्य/केंद्रशासित प्रदेश का नाम

राज्यों को 0.50 प्रतिशत की अतिरिक्त उधार की अनुमति

विशेष खिड़की के माध्यम से जुटाई गई धनराशि की राशि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को दी गई

1

आंध्रप्रदेश

5051

2062.35

2

अरुणाचलप्रदेश*

143

0.00

3

असम

1869

887.32

4

बिहार

3231

3484.54

5

छत्तीसगढ

1792

1692.60

6

गोवा

446

749.50

7

गुजरात

8704

8229.50

8

हरियाणा

4293

3883.70

9

हिमाचलप्रदेश

877

1532.27

10

झारखंड

1765

919.50

11

कर्नाटक

9018

11071.99

12

केरल

4,522

3467.40

13

मध्यप्रदेश

4746

4053.31

14

महाराष्ट्र

15394

10688.59

15

मणिपुर*

151

0.00

16

मेघालय

194

99.89

17

मिज़ोरम*

132

0.00

18

नागालैंड*

157

0.00

19

ओडिशा

2858

3410.77

20

पंजाब

3033

5026.60

21

राजस्थान

5462

3413.62

22

सिक्किम*

156

0.00

23

तमिलनाडु

9627

5569.70

24

तेलंगाना

5017

1595.58

25

त्रिपुरा

297

201.90

26

उत्तरप्रदेश

9703

5360.61

27

उत्तराखंड

1405

2067.00

28

पश्चिमबंगाल

6787

2664.52

 


कुलयोग():

106830

82132.76