इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट रायपुर द्वारा ‘न्यू एज, न्यू रियलिटीज’ विषय पर"लीडरशिप समिट 2020"का आयोजन किया गया। इस वर्ष यह सम...
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट रायपुर द्वारा ‘न्यू एज, न्यू रियलिटीज’ विषय पर"लीडरशिप समिट 2020"का आयोजन किया गया। इस वर्ष यह सम्मेलन वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया है। समिट का उद्देश्य उद्योग के विशेषज्ञों और छात्रों को एक महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श और चर्चा करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करना है जो आगामी प्रबंधन पेशेवरों को भविष्य की चुनौतियों से एक कुशल तरीके से निपटने में मदद करेगा।
डॉ. सत्यसिबा दास, चेयरमैन कॉरपोरेट रिलेशंस, IIM रायपुर ने आज समिट की शुरुआत की। मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए और अन्य पैनल सदस्यों का परिचय कराकर उन्होंने सम्मेलन और पिछले कुछ वर्षों में इसकी बढ़ती प्रशिद्धि के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
IIM रायपुर के निदेशक डॉक्टर भास्कर ने, गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में सम्मेलन के विषय ‘नया युग, नई वास्तविकताएं’ और वर्तमान परिदृश्य, जबकि व्यवसाय के माहौल के मूल सिद्धांत बदल रहे हैं, की प्रासंगिकता पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि मूल सिद्धांतों को बदलने के बजाय नई वास्तविकता के अनुकूल होना कितना महत्वपूर्ण है।
स्वागत भाषण के बाद, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ, आशीष कुमार चौहान का मुख्य संबोधन हुआ जिन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन की शोभा बढ़ाई। उन्होंने विचारों से सीखने के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे लीडर्स को हमेशा बाजारों में भविष्य के बदलावों के बारे में पता होना चाहिए, जहां मल्टी-टास्किंग उनकी सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति होती है। उन्होंने कहा कि नैतिक नेतृत्व के विपरीत, आने वाले समय में स्थितिजन्य नेतृत्व देखेंगे, जहां उनके पास अतीत और वर्तमान से बाधाओं के बावजूद, संगठन को आगे ले जाने की क्षमता होनी चाहिए।
भाषण के बाद पैनल चर्चा हुई। पहले पैनल चर्चा में ‘तेजी से बदलते व्यापार परिदृश्य: नए प्रबंधकों के लिए मुश्किलें’ विषय पर चर्चा हुई जिसका संचालन डॉ. सत्यसिबा दास ने किया। उन्होंने इस दिलचस्प विषय का संक्षिप्त परिचय दिया और चर्चा की शुरुआत की।
श्री धीरज सूद, एमडी / जीएम, भारत और दक्षिण एशिया दानहेर कॉर्पोरेशन / वीडियोजेट टेक्नोलॉजीज ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि हमें संकट के समय में अवसर पैदा करने में विश्वास करना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पारदर्शिता, विनम्रता और ईमानदारी मुख्य मूल्य हैं जो एक लीडर के पास होना चाहिए।
श्री दिनकर ए, एमडी, सेंट गोबेन सेकुरिट, ने नैतिक नेतृत्व से संबंधित पहलुओं के बारे में दिलचस्प जानकारी प्रदान की। उन्होंने इस बारे में चर्चा की कि संगठनों को कैसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बड़ी सोच रखने का आदी होना चाहिए।
श्री जीएसएस गोपाल कृष्ण, कंट्री हेड - मार्केट फंक्शन, TCS iON, ने पारंपरिक व्यवसाय मॉडल में हो चुके परिवर्तनों को समझाया, जहां संगठनों को उनकी आदत डालते समय चुस्त रहने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि आज के युवाओं को रिएक्टिव होने के बजाय कैसे प्रोएक्टिव होना चाहिए।
श्री नितिन मित्तल, निदेशक, प्रोग्राम मैनेजमेंट एंड एजाइल डिलिवरी, वेस्टर्न यूनियन, ने कस्टमर सेंट्रिसिटी के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए और उपभोक्ताओं के दर्द बिंदुओं को जानकर और उनके अनुसार काम करके उनका विश्वास जीतने के बारे में अच्छी तरह समझाया।
जीएमआर हैदराबाद एयर कार्गो के सीईओ श्री सौरभ कुमार ने उद्योगों के सामने आने वाली चुनौतियों और बाधाओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने विस्तार से बताया कि उपभोक्ताओं के साथ मजबूत जुड़ाव के लिए संगठनों को अपने कौशल को कैसे उन्नत करने की जरूरत है।
पैनल चर्चा ‘कार्य और कार्यस्थल के चुनौतीपूर्ण प्रतिमान- संगठनात्मक परिप्रेक्ष्य को समझना, ट्रैक 1 विषय पर हुई जिसका संचालन प्रो. अनुभा दाधीच, सहायक प्रोफेसर, एचआरएम और संगठनात्मक व्यवहार, आईआईएम रायपुर ने किया।
श्री अभिषेक डे, डायरेक्टर और ग्लोबल हेड ऑफ़ टैलेंट एक्विजिशन, ब्राउज़रस्टैक, ने कार्य और कार्यस्थल के परिप्रेक्ष्य में आए बदलाव रिमोट वर्किंग और नए कर्मचारियों की रिमोट ऑनबोर्डिंग पर चर्चा की।
श्री अंकुश अरोड़ा, सीनियर वीपी और हेड एचआर, ग्रोफर्स ने संसाधनों के उचित उपयोग द्वारा संगठन की संस्कृति के निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने अपने संगठन द्वारा कार्यबल बनाने और बढ़ाने के लिए की गई पहल के महत्व के बारे में बताया।
सुश्री अनु मैथ्यू, चीफ पीपल ऑफिसर, पाइन लैब्स, ने बताया कि कोविड के बाद के युग में सभी के लिए एक जैसी सीख काम नहीं करेगी। उसने उपयुक्त तरीके से समझाया कि एक अद्भुत अनुभव प्राप्त करने के लए सीखने की प्रक्रिया का आनंद लेना कितना महत्वपूर्ण है।
सुश्री मनीषा झा ठाकुर, प्रेसिडेंट एचआर, इमामी, ने व्यापार चपलता और अनुकूलनशीलता पर अपने विचार व्यक्त किए और महामारी की समाप्ति के बाद उद्योग की चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्य और कार्यस्थल के चुनौतीपूर्ण प्रतिमान - कर्मचारी परिप्रेक्ष्य को समझना, ट्रैक 2 पर चर्चा का संचालन प्रो. दामिनी सैनी, सहायक प्रोफेसर, एचआरएम और संगठनात्मक व्यवहार, आईआईएम रायपुर द्वारा किया गया।
श्री आशुतोष मिश्रा, निदेशक, कॉर्पोरेट सेल्स प्रमुख, एएनजेड बैंक, ने महामारी के दौरान कर्मचारी स्वास्थ्य और कल्याण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संगठन के कामकाज को प्रभावी रूप से बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों को जोड़े रखने और उनके साथ अनौपचारिक संवाद सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बात की।
श्री संजय शॉ, मानव संसाधन निदेशक, दक्षिण एशिया, गिवुडन, ने कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आने वाली चुनौतियों को अवसरों में बदलना चाहिए। उन्होंने उन गुणों का भी उल्लेख किया जो एक लीडर को अपने कॉर्पोरेट परिवेश से सीखना चाहिए।
लियो बर्नेट के कार्यकारी निदेशक श्री सुजय राछ ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि दूसरों के साथ सहानुभूति रखना लीडरशिप की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है।
‘संकट से प्रेरित नवाचार’- सामाजिक चुनौतियों से निपटना, ट्रैक 1 विषय पर अंतिम पैनल चर्चा का संचालन प्रो. जागरूक डावरा, एसोसिएट प्रोफेसर, मार्केटिंग, आईआईएम रायपुर द्वारा किया गया।
सुश्री भुवना सुब्रमण्यन, मुख्य विपणन अधिकारी, रैंडस्टैड इंडिया ने बाजारों में प्रचलित कपटपूर्ण प्रथाओं के बारे में बात को दोहराया जिसके लिए संगठनों को तैयार रहना चाहिए और इन प्रथाओं को कम करने के लिए सक्रिय उपाय करने चाहिए।
टपरवेयर इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री दीपक छाबड़ा ने डिजिटल और सोशल सेलिंग पर अपनी जानकारी दी। उन्होंने उपभोक्ता खरीद पैटर्न के महत्व को बताया, जो संगठनों को अपनी सेवाओं को अपडेट करने की दिशा में सार्थक कदम उठाने में मदद कर सकता है।
श्री संदीप कोमरला, वरिष्ठ निदेशक विपणन, वायाकॉम 18 मीडिया ने विभिन्न दर्शकों पर लक्षित अलग-अलग रणनीतियों पर अपने इनपुट्स प्रदान किए, और उन उपायों पर भी बात की जो कोविड महामारी के बाद आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए किए जा सकते हैं।
संकट से प्रेरित नवाचार - संगठन को भविष्य के लिए तैयार करना पर चर्चा के दूसरे दौर में व्यवसायों पर संकट के प्रभाव, और प्रभावी ढंग से इस तरह की मुश्किलों का प्रबंधन करने के लिए उठाए गए कदमों जैसे प्रासंगिक सवालों को उठाया गया।
श्री सौरभ बजाज, मार्केटिंग हेड, ब्रिटानिया ने इस महामारी के दौरान कंपनियों द्वारा री-स्किलिंग और रिऩ्वेंशन और समझदारी से एक एक कदम आगे बढ़ाने पर अपने विचार रखे ।
श्री शांतनु शंकर, प्रबंध निदेशक, एचएसबीसी इन्वेस्ट डायरेक्ट फाइनेंशियल सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड ने संगठनों द्वारा संकट से निपटने के अभिनव तरीकों के बारे में सुंदर तरीके से समझाया और अभिनव सोच को प्रोत्साहित किया।
श्री विकास चौधरी, अध्यक्ष, रिलायंस जियो ने जीवन के डिजिटल तरीके पर अपने विचार साझा किए जहाँ हम एक राष्ट्र के रूप में तेजी से विकसित हुए हैं और इस बदलाव को बहुत अच्छी तरह से अपनाया है।
यह आयोजन 18 अक्टूबर, 2020 को कई अन्य सम्मानित औद्योगिक लीडर्स के साथ जारी रहेगा।