Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

खराब रिजल्ट आने पर ये हैं टेंशन से निपटने के 7 उपाय

    00 विशेष आलेख     0 मोनिका साहू  Counselling and Rehabilitation psychologist and special educator अप्रैल और मई का महीना स्टूडेंट्स के लि...

Also Read

   00 विशेष आलेख   

 0 मोनिका साहू 

Counselling and Rehabilitation psychologist and special educator


अप्रैल और मई का महीना स्टूडेंट्स के लिए आमतौर पर काफी टेंशन भरा होता है। ज्यादातर इन्हीं दो महीनों में बोर्ड परीक्षा यानी 10वीं और 12वीं कक्षा के रिजल्ट आते हैं। 

हाल ही में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी अपने रिजल्ट जारी किए हैं। बोर्ड परीक्षा देने के बाद से ही स्टूडेंट्स रात-दिन की भाग-दौड़ में जुट जाते हैं। उनके ऊपर टॉप कॉलेज में एडमिशन के लिए एंट्रेंस परीक्षा क्लियर करने का भी काफी दबाव होता है।

इस तनाव को तो स्टूडेंट झेल लेते हैं, लेकिन रिजल्ट आने के बाद के तनाव को ज्यादातर स्टूडेंट नहीं सह पाते हैं। इस बात की तस्दीक रिजल्ट आने के बाद भारत में आत्महत्या करने के बढ़ते मामलों से की जा सकती है।

साल 2022 में लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आत्महत्या करने वालों में सबसे ज्यादा 15 से 29 आयु वर्ग के युवा हैं। इसका मतलब है कि भारत में हर घंटे एक स्टूडेंट आत्महत्या कर लेता है। 

आत्महत्या को रोकने के​ लिए स्टूडेंट के माइंडसेट को समझना बहुत जरूरी है कि आखिर क्यों वह परीक्षा में ग्रेड लाने जैसी छोटी सी चीज के लिए अपने अमूल्य जीवन से खेलने को तैयार हो जाते हैं।  

इस संबंध में  मनोचिकित्सक श्रीमती मोनिका साहू जी से बात हुई उन्होंने बताया कि 

 हमें कम नंबर आने पर भी खुद को निगेटिव सोच से बचने और हालातों से निपटने के लिए कई टिप्स दिए हैं। अगर आप भी रिजल्ट आने के बाद डिप्रेशन में हैं, तो आपको इन बातों को ध्यान में रखने की जरुरत है।

बड़े लक्ष्य पर फोकस करें

नए बदलाव के लिए सोच बदलें

गहरी सांस लें

खुद से बातें करें

अपने करीबियों से बात करें

मन की बातों को लिख डालें

डर से क्यों डरें?

1. बड़े लक्ष्य पर फोकस करें

हम जानते हैं कि किसी बात को कहना, करने से बहुत आसान होता है। वो भी तब जब आप गहरे दुख में डूबे हों, लेकिन कोशिश कीजिए। 

अगर 10वीं कक्षा में आपके नंबर कम हैं तो क्या हुआ, इसके लिए ज्यादा चिंता करने की वाकई जरुरत नहीं हैं, क्योंकि आपके पास और बेहतर करने के लिए पूरे दो साल का वक्त है। 

अगर आने वाले और 5 सालों में आप हाईस्कूल के नंबर के महत्व को आंकने की कोशिश करेंगे तो आपको महसूस होगा कि जिंदगी इन नंबरों के बिना भी बहुत अच्छी और अनमोल है। 

खुद को गमों के समुंदर में डुबो लेने से कहीं बेहतर है कि इस बात पर विचार किया जाए कि आपसे गलती कहां हुई? अपनी गलतियों के लिए अपने दोस्तों, परिवार, पढ़ाई-लिखाई के माहौल को क्यों जिम्मेदार ठहराना? जबकि इन सारी मुश्किलों से मेहनत के बूते आसानी से पार पाया जा सकता है। 

2. नए बदलाव के लिए सोच बदलें

कोई भी स्टूडेंट किसी भी एक चीज में नहीं लगा रह सकता है। जब आप 15 से 17 साल के होते हैं, इस बात के काफी चांसेज होते हैं कि आपके फैसले आपके पैरेंट्स, पड़ोसी या रिश्तेदारों के दबाव में लिए जा रहे होते हैं। 

आपको ये समझना होगा कि इन्हें आसानी से बदला जा सकता है। आप अपने पैरेंट्स को कन्वींस करने की कोशिश करें कि आपके नंबर कम आने के कारण क्या हैं? उस गलती को बदल डालें एक बार फिर से पूरी ताकत लगाकर कोशिश करें। 

लड़ाई से डरकर मैदान छोड़ देना कभी भी आपको विजेता नहीं बनाता है। हिम्मत कीजिए एक बार फिर से तैयारी कीजिए। जीत आपकी राह देख रही है।

3. गहरी सांस लें 

ये बात बिल्कुल सच है कि जब भी आपके सामने परीक्षा के खराब रिजल्ट की बात होती है आपकी खुशियां काफूर हो जाती हैं। उनकी जगह आपके जेहन में निगेटिव ख्याल और अवसाद भर जाता है। 

ऐसी स्थिति में तुरंत उस जगह से हट जाएं। बैठें और गहरी सांसें लें। ठंडा पानी पिएं इससे आपकी नर्व्स को तुरंत शांति मिलेगी। 

4. खुद से बातें करें

जब कोई भी आपसे बात न कर रहा हो तब खुद से बात करें। खुद से अपने अवचेतन मन से बार-बार कहें कि 'शांत रहो, सब ठीक है।' आप अपने शरीर और दिमाग के मालिक हैं।

दिमाग आपकी मर्जी से चलेगा न कि आप उसकी मर्जी से चलेंगे। खुद से बात करें। ये न सिर्फ आपकी नर्व्स को सुकून देगा बल्कि अवसाद को भी आपसे कोसों दूर रखेगा। 

5. अपने करीबियों से बात करें 

मुझे पता है कि ये आपके लिए कठिन वक्त है। लेकिन कभी भी खुद को अकेला न समझें। उन लोगों से बात करें जिन्हें आप पसंद करते हैं। उनके पास जाएं, बात करें, उनकी बातों को सुनें।

यकीन मानें कि वह आपको कभी भी जज नहीं करेंगे। रिजल्ट एक नंबर ही तो है। आप नंबरों से कहीं बढ़कर हैं। उनकी बातें जरूर आपको शांत रखने में मदद करेंगी।

6. मन की बातों को लिख डालें 

यकीन मानिए ये काम करता है। भले ही ये फिल्मी ​लगे लेकिन ये असल जिंदगी में भी उतना ही काम करता है। जो भी आपके मन में चल रहा हो सब कुछ लिख डालें। जो मन में आए लिखें।

अगर आप किसी बात को लिखते हुए रो पड़ें तो उस कागज को जला दें और उस बात को फिर से लिखें। यकीन जानिए आपके मन को इतनी शांति मिलेगी जो आपने पहले कभी महसूस नहीं की होगी। 

इससे आप लंबी सांस ले पाएंगे और आपके मन का सारा तनाव दूर हो जाएगा।

7. डर से क्यों डरें? 

ये सही है कि जब हमारे दिमाग पर डर हावी होता है, वह काम करना बंद कर देता है। लेकिन डरकर हट जाना किसी मुश्किल का हल तो नहीं। 

मन से उखाड़कर फेंक दीजिए इस डर को कि लोग क्या कहेंगे? दिमाग से इस डर को आप जिस क्षण निकाल देंगे, उसी पल से आप आनंद की अवस्था को प्राप्त कर लेंगे। 

हमारी जिंदगी में बहुत से लोग आते हैं जो निगेटिविटी का भंडार होते हैं और उनके जीवन का एकमात्र मकसद ये देखना होता है कि पड़ोसी या उनके रिश्तेदार का बच्चा क्या कर रहा है? जितना हो सके ऐसे लोगों से दूर रहें। 

अगर आप अपने मन को हल्का नहीं कर पा रहे हैं तो रो लीजिए। ये मत सोचिए कि मर्द को दर्द नहीं होता है। दर्द होगा तो रोएंगे। इसमें संकोच कैसा? 

यकीन मानिए, रोना आपकी टेंशन और डिप्रेशन को चुटकियों में दूर कर सकता है। इसलिए बिना किसी हिचक के हार का स्वागत कीजिए और गलतियों से सबक लेकर नई सफलता की तैयारी शुरू कीजिए। 

बेस्ट ऑफ लक। 


  • असल बात न्यूज़

    सबसे तेज, सबसे विश्वसनीय 

     पल-पल की खबरों के साथ अपने आसपास की खबरों के लिए हम से जुड़े रहे , यहां एक क्लिक से हमसे जुड़ सकते हैं आप

    https://chat.whatsapp.com/KeDmh31JN8oExuONg4QT8E

    ...............


    असल बात न्यूज़

    खबरों की तह तक,सबसे सटीक,सबसे विश्वसनीय

    सबसे तेज खबर, सबसे पहले आप तक

    मानवीय मूल्यों के लिए समर्पित पत्रकारिता