बठिंडा . पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में चार
सैन्यकर्मियों की हत्या के मामले में पुलिस ने सेना के जवान देसाई मोहन को
हिरासत में लिया है।
हत्याकांड के दिन 12 अप्रैल को घटना के चश्मदीद गनर देसाई मोहन ने मेजर
आशुतोष शुक्ला को बताया था कि उसने दो लोगों को उस बैरक से बाहर आते देखा
है, जहां जवान शहीद हुए थे। उसने बताया था कि दोनों नकाबपोश सैन्य थाने के
अंदर वन क्षेत्र की ओर भाग गए थे।
सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पांच दिन की पुलिस जांच के दौरान यह बात
सामने आई कि चारों कर्मी देसाई मोहन को परेशान कर रहे थे और उसने उनकी
हत्या कर दी। पुलिस को उस पर शुरू से ही शक था।
बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने देसाई मोहन को
हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि सभी विवरण दोपहर में
प्रेसवार्ता में दिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि अधिकारियों के मेस के पास एक बैरक में दो अलग-अलग कमरों
में 12 अप्रैल को लगभग 4.35 बजे चार सैन्यकर्मियों को मृत पाया गया था।
जांच में पता चला कि नौ अप्रैल को लापता हुई इंसास राइफल से हत्या की गई
है। पुलिस ने इंसास के 19 खाली खोखे बरामद किए थे और बाद में दिन में राइफल
भी बरामद की गयी, जिसे फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है।