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जिले के राईस मिलरों को फोर्टिफाइड राइस के मैन्युफैक्चरिंग के संबंध में दी गई प्रशिक्षण

  जशपुरनगर. राज्य शासन के निर्देशानुसार विगत दिवस जशपुर जिले के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राज्य द्वारा नियुक्त मास्टर ट्रेनर सीनियर प्रोग्राम ए...

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जशपुरनगर. राज्य शासन के निर्देशानुसार विगत दिवस जशपुर जिले के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राज्य द्वारा नियुक्त मास्टर ट्रेनर सीनियर प्रोग्राम एसोसिएट वर्ल्ड फूड प्रोग्राम छत्तीसगढ़ कस्तुरी पाडा द्वारा जिले के राईस मिलरों को फोर्टिफाइड राइस के मैन्युफैक्चरिंग के संबंध में प्रशिक्षण दी गई। जिसके अंतर्गत फोर्टिफाइड राइस के मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया एवं गुणवत्ता नियंत्रण, गुणवत्ता लेवलिंग और पैकेजिंग, भण्डारण इत्यादि शामिल है।
प्रशिक्षण में जिला खाद्य अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य निरीक्षक, गुणवत्ता निरीक्षक एवं नागरिक आपूर्ति के गोदाम प्रभारी के साथ अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में उपस्थित सभी अधिकारी एवं मिलर्स को फोर्टिफिकेशन की आवश्यकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति हेतु चावल फोर्टिफिकेशन सूक्ष्म द्वारा पोषक तत्वों की पूर्ति का प्रयास किया जा रहा है। सूक्ष्म पोषक तत्व आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12, विटामिन ए शामिल है।
फोर्टिफिकेशन के द्वारा चावल में आवश्यक विटामिन खनिजों की आपूर्ति निश्चित की जाती है। फोर्टिफाइड चावल में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी9, विटामिन बी12 सूक्ष्म तत्व मिश्रित किये जाते हैं। सभी उत्पाद राइस मिलर्स हेतु खाद्य सुरक्षा मानक लाइसेंस की अनिवार्यता के बारे में बताया गया जो खाद्य श्रेणी 6.0 होगा। साथ ही आवश्यक दस्तावेज के संधारण एवं सावधानियों के बारे विस्तृत रूप बताया गया। फोर्टिफाइड चावल की बोरियों की पैकेजिंग, लेबलिंग भंडारण के बारे में भी जानकारी दी गई। फोर्टिफाइड प्रशिक्षण में बताया गया कि अप्रैल 2023 से सामान्य राशनकार्ड के अतिरिक्त सभी राशनकार्डधारियों को फोर्टिफाइड चावल वितरण प्रारंभ होने जा रहा है। इस हेतु यह जानना आवश्यक है, किं चावल का फोर्टिफिकेशन क्यों जरूरी है।
भारत में 70 प्रतिशत लोग सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता का 50 से 70 प्रतिशत मात्रा का ही उपभोग करते है। इसकी पूर्ति के लिए चावल में आवश्यक सूक्ष्म तत्त्वों को मिश्रित किया जाता है। जिसे फोर्टिफाइड चावल कहा जाता है। फोर्टिफाइड चावल एनीमिया कुपोषण दूर करने में सहायक है। छत्तीसगढ़ में 6 से 50 माह के बच्चों में 67 प्रतिशत, 15 से 49 वर्ष की महिलाओं में 60 प्रतिशत एवं 15 से 49 वर्ष के पुरूषों में 27 प्रतिशत खून की कमी पायी गयी है। उक्त प्रशिक्षण में लोगो के मन मे फोर्टिफाइड चावल के संबंध में व्याप्त आशंका को दूर करते हुए बताया गया कि फोर्टिफाइड चावल कोई प्लास्टिक चावल बिल्कुल नही है। फोर्टिफाइड चावल कई पोषक तत्वों से युक्त है और इसे पकाने का एवं उपयोग करने का तरीका भी सामान्य चावल के जैसा ही है।