रायपुर।
असल बात न्यूज़।।
00 विशेष संवाददाता
छत्तीसगढ़ के आगामी बजट में राज्य के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान दिख सकता है। राज्य का वित्तीय वर्ष 2023 24 का सालाना बजट विधानसभा में 6 मार्च को प्रस्तुत किया जाएगा। वित्त विश्लेषक अभी अनुमान लगा रहे है कि इस बजट में क्या क्या शामिल दिख सकता है। कहा जा रहा है कि यह चुनावी साल है और इस बजट में आम मतदाताओं को आकर्षित करने वाली कई चीजें नजर आ सकती हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य के विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। विधानसभा में सरकार के द्वारा आगामी 6 मार्च को अपना सालाना बजट पेश किया जाएगा। अब वित्त विश्लेषक राजनीतिक विश्लेषक के साथ आम लोग अनुमान लगा रहे हैं कि चुनावी वर्ष में प्रस्तुत होने वाले इस सालाना बजट में क्या नया दिख सकता है। सरकार के द्वारा किन चीजों को बजट में प्राथमिकतापूर्वक शामिल किया जा सकता है। यह बजट किन चीजों पर खर्च करने में अधिक जोर डालता नजर आएगा।
छत्तीसगढ़ में नई सरकार ने अपने पिछले 4 वर्षों के कार्यकाल के दौरान जिस तरह से योजनाएं बनाई हैं जिस तरह से कार्य किए गए हैं उसके अनुसार ही नए बजट का भी अनुमान लगाया जा रहा हैऔर माना जा रहा है कि बजट में वह सारी चीजें शामिल रहेंगी जोकि पिछली योजनाएं में चलती रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी की योजना को प्राथमिकता पूरा शुरू किया गया है और यह माना जा रहा है कि नए वर्ष में भी इस योजना को तेजी से बढ़ाया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांव-गांव को आत्मनिर्भर बनाना, आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना तथा वहां रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराना है। राज्य सरकार ने गोवंश के साथ पशुओं की सुरक्षा पर भी जोर दिया है जिसके चलते माना जा रहा है कि नए बजट में गौठान पर भी बड़े प्रावधान किए सकते हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य में युवाओं को रोजगार अभी बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। सरकार बार-बार दोहराती रही है कि उसके पिछले 4 वर्षों के कार्यकाल में यहां युवाओं को सर्वाधिक रोजगार दिए गए हैं। इसके लिए सरकार की ओर से तमाम आंकड़े भी जारी किए गए हैं जो कि दिखाते हैं कि यहां कितने युवाओं को रोजगार मिला है। लेकिन कहा जाता है कि विपक्ष इस मामले में सरकार को बार-बार कटघरे में खड़े करने में सफल रहा है। असल में यह, मुद्दा, राजनीति का मुद्दा तो बाद में है पहले यह विषय युवाओं के भविष्य से सीधे जुड़ा हुआ है। यह मुद्दा युवाओं को शिक्षित बेरोजगारों को आप परोक्ष रूप से नहीं सीधे प्रभावित करने वाला मुद्दा है। शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा तो उनमें खुशियां आएंगी। उस हालत में उनमें नाराजगी जैसी स्थिति रह ही नहीं जाएगी। और वास्तव में धरातल में रोजगार नहीं मिला तो, दावे कितने भी कर लिए जाएं नाराजगी हमेशा बरकरार रहेगी। सरकार भी इसे समझती है होगी कि धरातल पर काम किए बिना रोजगार के मुद्दे पर नाराजगी को दूर नहीं कर सकता। रोजगार होगा तब तो घर में खुशियां आएगी और यह खुशियां आगे प्रभावित करेंगी। नहीं तो दावे अथवा वादे से तो युवाओं का पेट नहीं भरने वाला है।
राज्य सरकार की तरफ से युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बार-बार घोषणा की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने उद्बोधन में भी इस मुद्दे का जिक्र किया है तथा युवाओं को शीघ्र बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही है। उसके बाद मंत्रिमंडल की बैठक में भी इससे योजना को स्वीकृत करा लिया गया है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य के बजट में बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान जरूर दिख सकता है।