दुर्ग। असल बात न्यूज़।। प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का आंदोलन आज 40वे दिन भी जारी रहा।ये प्रदर्शनकारी अपनी पांच सूत...
दुर्ग।
असल बात न्यूज़।।
प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का आंदोलन आज 40वे दिन भी जारी रहा।ये प्रदर्शनकारी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं। प्रदर्शनकारियों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को घोषणा पत्र के अनुसार कलेक्टर दर पर मानदेय देने की मुख्य मांग है। प्रदर्शनकारियों को उम्मीद है कि सरकार अपने नए बजट में उनकी मांगों के संदर्भ में बड़ा निर्णय ले सकती है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इनमें से कई कार्यकर्ता, सहायिका पिछले 30- 35 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। महंगाई इतनी अधिक बढ़ गई है लेकिन इनका मानदेय ना के बराबर बढ़ाया गया है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को लगभग ₹11000 मानदेय मिल रहा है। वहां सरकार ने अपने हिस्से से मानदेय की राशि में बढ़ोतरी की है। छत्तीसगढ़ में कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को केंद्र की तरफ से ₹45सौ मिल रहा है जबकि राज्य सरकार की तरफ से सिर्फ ₹2000 दिया जा रहा है।इस तरह से छत्तीसगढ़ में सिर्फ ₹65 सौ रुपए मानदेय मिल रहा है।
यह आंदोलन अब तेज किया जा रहा है। संघ के पदाधिकारियो द्वारा बताया गया कि अनिश्चित कालिन हड़ताल का 40 वां दिन है लेकिन सरकार गुंगी .बहरी बनी हुई है। प्रतिनिधि मण्डल से अभी तक किसी तरह की चर्चा नही की है.जिससे आक्रोसित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिकाये ने हडताल को तेज करते हुये 4 मार्च को विधान सभा घेरने की रणनीति बनाई है। रणनीति के तहत पच्चास हजार से ज्यादा की संख्या मे आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिकाये रायपुर राजधानी विभिन्न मार्ग से पहुचेगे . धरना स्थल तूता नया रायपुर से 11.00 विधान सभा घेरने निकलेगे।
संयुक्त मंच के प्रान्तीय संयोजक मण्डल के सदस्य सरिता पाठक.रूक्मणी सज्जन.हेमा भारती.गजेन्द्र झा.संतोषी वर्मा.कल्पना चंद.पिकी ठाकुर.सुचित्रा मानिकपुरी ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर सरकार पर आरोप लगाया कि चुनावी वायदा पूरा करने से सरकार चार साल से सिर्फ आश्वासन ही दे रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले में प्रतिदिन लगभग 600 प्रदर्शनकारी आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। इसमें पाटन, भिलाई 3, अहिवारा, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई शहर के प्रदर्शनकारी शामिल हो रहे हैं।