अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की बिजुरी नगर परिषद में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में भोपाल संचनालय के आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं, लेकिन शहड़ोल संयुक्त संचालक की लापरवाही के कारण भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हो सका।
दरअसल, भोपाल संचानालय के आदेश के बाद शहड़ोल संयुक्त संचालक पुलिस के पास शिकायत करने पहुंचे, लेकिन आंधे-अधूरे दस्तावेज होने पर पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया। बता दें कि नगरपरिषद बिजुरी में सामग्री खरीदी करीब 7 करोड़ से अधिक आर्थिक क्षति बताई जा रही है। पूरे मामले में भोपाल संचनालय के आदेश पर वर्तमान अध्यक्ष सहित 11 कर्मचारी और 10 फर्म के खिलाफ कार्रवाई होनी है।
सामान खरीदी और निर्माण कार्य में गड़बड़ी
अनूपपुर
जिले के बिजुरी नगर पालिका में 3 साल के पहले जनरेटर, पानी टैंकर, पानी
टैंकर के टायरों की खरीदी, प्रतीक्षालय की सामग्री, स्टील कुर्सियां,
कंप्यूटर से संबंधित सामग्री और मर्चरी मर्चरी बॉक्स आदि सामग्री के लिए
भुगतान किया गया था, लेकिन ये सारी सामग्री नहीं पाई गई। करीब 7 करोड़ 27
लाख 57,297 रुपये का घोटाला किया गया।
इन पर आरोप
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह, मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी, लेखापाल, उप लेखापाल, उपयंत्री सहित 11 अधिकारी-कर्मचारी और संबंधित व्यापारिक फर्मों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश संचनालय नगरीय प्रशासन विकास विभाग भोपाल की ओर से दिया गया था, लेकिन जेडी आरपी सोनी द्वारा आधे-अधूरे दस्तावेज के साथ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचने पर पुलिस से मना कर दिया।