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किडनी की बीमारी से 87 लोगों की जा चुकी जान, गांव में साफ पानी की अब तक व्यवस्था नहीं

  गरियाबंद. सुपेबेड़ा में किडनी पीड़ितों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुपेबेड़ा में आज फिर 3 साल से किडनी बीमारी से पीड़ि...

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गरियाबंद. सुपेबेड़ा में किडनी पीड़ितों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुपेबेड़ा में आज फिर 3 साल से किडनी बीमारी से पीड़ित एक और युवक की मौत हो गई. पीड़ित का 18 बार डायलिसिस हो चुका था. सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से यह 87वां मौत है.

परिजनों के मुताबिक 36 वर्षीय धर्मेंद्र नेताम 2021 से किडनी रोग से पीड़ित था. देवभोग, गरियाबंद के अलावा एम्स में अब तक 18 बार से ज्यादा उनका डायलिसिस हो चुका था. निजी व सरकारी तौर पर लगातार उपचार जारी था. शुक्रवार को तबियत बिगड़ते ही उसे देवभोग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

इस मामले में बीएमओ सुनील रेड्डी ने कहा, मृतक के परिजनों को पीएम के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया. मौत स्वभाविक हुआ होगा. पीएम से ही असली कारण पता चलता, किडनी फैल होने से मौत हुई है, यह कहना जल्दबाजी होगी.

2011 से अब तक 87 किडनी रोगी की मौत हो चुकी है. सरकारी रिकार्ड के मुताबिक सुपेबेड़ा के 22 ग्रामीणों का क्रिएटिन लेबल बढ़ा हुआ है, जिसमे एक पीड़ित का गांव में ही पेरिटोनियल डायलिसिस चल रहा है.

गांव में लागू नल जल योजना का काम घोषणा के 3 साल बाद शुरू नहीं हो सका है. तेलनदी में स्ट्रक्चर खड़ा कर पानी को रिमूवल कर गांव में साफ पानी देने 12 करोड़ की मंजूरी मिली हुई है, लेकिन अब तक टेंडर प्रक्रिया स्तर पर ही मामले का फाइल लटका हुआ है.