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निर्धारित उत्खनन क्षेत्र के बाहर से हो रहा है रेत उत्खनन, कई खदानों का ठेका खत्म लेकिन उत्खनन जारी ,रेत खदान संचालक नही कर रहे सीएसआर राशि का उपयोग

  रायपुर, दुर्ग । असल बात न्यूज़।।   छत्तीसगढ़ में रेत माफिया चारों तरफ भयंकर तरीके से हावी हैं। रेत की कीमत ये माफिया के लोग ही निर्धारित क...

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 रायपुर, दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।।  

छत्तीसगढ़ में रेत माफिया चारों तरफ भयंकर तरीके से हावी हैं। रेत की कीमत ये माफिया के लोग ही निर्धारित कर रहे हैं। अभी कई खदानों का ठेका खत्म हो गया है और नए ठेके की प्रक्रिया चल रही है लेकिन कहीं भी रेत का उत्खनन बंद नहीं हुआ है।इन घाट का संचालन कौन कर रहा है, इसका पैसा कौन वसूल रहा है ? किसी को नहीं मालूम है। रेत और दूसरे गौण खनिजों के उत्खनन का पूरे प्रदेश में कोई माई बाप नजर नहीं आता। यह हर जगह सब कुछ पूरा खनिज माफियाओं के नियंत्रण में नजर आता है। 

बारिश बंद के बाद से हर जगह निर्माण कार्यों में तेजी आने लगी है। और अब जब धान की कटाई हो चुकी है और बिक्री भी हो गई है तो उसके बाद ग्रामीण इलाकों में भी निर्माण कार्य तेज हो रहे हैं। खनिज माफिया के लोगों की ऐसे समय में ही सक्रियता बढ़ने लगती है। इसके साथ रेत, सीमेंट, लोहा रॉड, गिट्टी सब चीजों के दाम में बढ़ोतरी होने लगी है। सिर्फ मुनाफा वसूली के लिए इन चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। इस बारे में कभी भी ना तो कोई बोलने वाला नजर आता है ना ही इसकी कहीं कोई सुनवाई होती नजर आती है।

लौदाबाजार जिले में पलारी के आसपास के इलाकों में रेत के अवैध परिवहन बड़े पैमाने पर हो रहा है। ऐसी शिकायत सिर्फ इसी रेत खदान में नहीं है बल्कि हर रेत खदान में भी यही हालत देखने में आ रहे हैं।रेत खदान मालिक, संचालन कर्ता,पॉवर ऑफ अटर्नी,ग्राम पंचायतो के सरपंच,सचिव की हर जगह मनमानी देखने में आ रही है। नीलामी के दौरान उत्खनन के लिए क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं लेकिन उसके बाहर के इलाके में भी रेत का उत्खनन किया जा रहा है। कितनी गहराई तक उत्थन के आ जाना हाय अभी निर्धारित है लेकिन इसका भी कहीं वादा नहीं हो रहा है। यही हाल गिट्टी के उत्खनन में भी है। रेत खदानों से रेत के उत्खनन में अभिवहन परिपत्र के माध्यम से रेत निकासी, तार पोलिंग से ढ़ककर परिवहन, भार क्षमता के अनरूप परिवहन स्वीकृत रेत खदान क्षेत्र के भीतर ही खनन,पर्यावरण नियमो का पालन होना चाहिए लेकिन ऐसा कहीं ना कहीं नजर नहीं आता। ऐसा महसूस होता है कि हर जगह राजनीतिक संरक्षण में ये सब अवैध काम चल रहे हैं । और जब हर जगह अवैध परिवहन हो रहा है तो कहीं भी रेत से राजस्व की वसूली में भारी नुकसान तो स्वाभाविक तौर पर हो ही रहा है। 

बलौदा बाजार जिले में जहां से रायपुर दुर्ग भिलाई बिलासपुर तक रेत की आपूर्ति हो रही है वहां आप इसके उत्खनन से राजस्व की वसूली को देखिए।यहां वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राजस्व लक्ष्य 239.69 करोड़ निर्धारित था। जिसके विरुद्ध 217.67 करोड़ रुपये जनवरी की स्थिति में प्राप्त कर ली गयी है। इस तरह 91 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। जो इस माह के अंत तक 100 प्रतिशत हो जाएगा। इसके साथ ही जिले में अवैध परिवहन के 280 प्रकरण दर्ज है जिसके तहत 61 लाख 71 हजार 660 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जिसमें चूना पत्थर के 59,रेत 186, मुरुम 12,फर्शी पत्थर 4,ईट 19 प्रकरण दर्ज है। इसी तरह अवैध उत्खनन के 37 प्रकरणों में 34 लाख 78 हजार 385 रुपये का जुर्माना हुआ है। जिसमें चूना पत्थर के 4 रेत 9,  मुरुम 11,ईट के 13 प्रकरण शामिल हैं एवं अवैध भंडारण के तहत रेत के 1 प्रकरण पर 85 हजार 720 रूपये का जुर्माना लगाया गया है। इस तरह कुल 318 प्रकरणों में 97 लाख 35 हजार 765 रुपये का जुर्माना राशि शासन को प्राप्त हुआ है। 

इस जिले में कलेक्टर  रजत बंसल ने जिले में संचालित रेत खदान मालिकों, संचालन कर्ता,पॉवर ऑफ अटर्नी,ग्राम पंचायत के सरपंच,सचिव के साथ बैठक कर घाट संचालन के संबंध में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए. इस दौरान श्री बंसल ने पलारी के आसपास हो रहे रेत के अवैध परिवहन पर कड़ी नाराजगी जताते हुए रेत खदान संचालकों पर जमकर भड़ास निकाली है। उक्त बैठक में अनुपस्थित ग्राम मोहान के सचिव सिया राम साहू ग्राम पुटपुरा सचिव चंद्रभान पटेल को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए 3 दिन के भीतर जवाब तलब करने कहा है। साथ ही कलेक्टर श्री बंसल ने पुटपुरा खदान को निरस्त कर दिया है। उन्होंने दो टूक कहा शासन का जो नियम निर्धारित है उसी के अनरूप ही रेत घाट का संचालन होगा। नियम के विरुद्ध जाओगे तो कार्रवाई होगी। श्री बंसल ने उत्खनन क्षेत्र के बाहर उत्खनन की शिकायतों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए रेत संचालक को चेतावनी दी है की अगली बार ऐसी गलती हुआ तो बख्शा नही जाएगा।उन्होंने खनिज अधिकारी को सभी खदान क्षेत्र के एरिया (सीमाकंन) को ड्रम,लाल झंडे से चिन्हाकित करनें के निर्देश दिए है।