Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

रावलमाल जैन नृशंस हत्याकांड मामले में ओपन न्यायालय में तीन घंटे चली लगातार बहस, कल भी प्रस्तुत होंगे मौखिक तर्क

  दुर्ग । असल बात न्यूज़।।          00 विधि संवाददाता  जिले के  चर्चित हत्याकांड रावल मल जैन हत्याकांड मामले में विशेष न्यायालय में  मौखिक अ...

Also Read

 दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।। 

        00 विधि संवाददाता 

जिले के  चर्चित हत्याकांड रावल मल जैन हत्याकांड मामले में विशेष न्यायालय में  मौखिक अंतिम तर्क शुरू हो गया है। विशेष न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी के न्यायालय में इस पर सुनवाई चल रही है। चाय काल के पश्चात आज इस मामले में लगातार तीन घंटे तक सुनवाई चली। इस दौरान अभियोजन पक्ष के विशेष लोक अभियोजक के द्वारा प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होने के आधार पर आरोपी को दंड देने का न्यायालय  से आग्रह किया गया। वहीं बचाव पक्ष के वकील के द्वारा अलग दलीले दी गई हैं तथा साक्ष्यों पर सवाल खड़े किए गए हैं। लगातार सुनवाई के बाद न्यायालय के द्वारा अंतिम तर्क पर तारीख आगे बढ़ाते हुए सुनवाई के लिए कल की तारीख दे दी गई है। यह जिले का काफी चर्चित प्रकरण है जिसके चलते सुनवाई के द्वारा दौरान विशेष न्यायालय कक्ष में अंतिम तर्क की सुनवाई को सुनने अधिवक्ताओ की भारी भीड़ उपस्थित रही। 

विशेष न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी के न्यायालय में चाय काल के पश्चात इस प्रकरण मैं मौखिक अंतिम तर्क पर सुनवाई शुरू हुई जो कि न्यायालय के चलते तक लगातार जारी रही। इस दौरान विशेष लोक अभियोजक ने प्रकरण में तर्क प्रस्तुत करते हुए अनुसंधान के दौरान प्रस्तुत डाक्यूमेंट्स को पर्याप्त बताया तथा विशेष न्यायालय से उपलब्ध साक्ष्य को पर्याप्त बताते हुए आरोपी को सजा देने का आग्रह किया। 

वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा पुलिस अनुसंधान के दौरान की गई कई कार्रवाई और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों पर प्रश्नचिन्ह उठाया। उन्होंने प्रस्तुत किए गए कई साक्ष्यों की  जब्ती पर भी सवाल खड़ा किया। न्यायालय से बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने इन आधारों पर आरोपी संदीप जैन को बरी करने का आग्रह किया है। न्यायालय के द्वारा मौखिक अंतिम तर्क पर सुनवाई के लिए कल की तारीख दी गई है। 

उल्लेखनीय है कि रावल मल जैन हत्याकांड दुर्ग जिले की काफी चर्चित घटना रही है और इस प्रकरण में न्यायालय के फैसले की ओर सिर्फ पूरे दुर्ग जिले के ही नहीं पूरे प्रदेश भर के लोगों की नजर लगी हुई है।