राष्ट्रीय सुरक्षा कानून नहीं, छत्तीसगढ़ में लागू कानून कांग्रेस सुरक्षा कानून है : रायपुर । असल बात न्यूज़।। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्...
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून नहीं, छत्तीसगढ़ में लागू कानून कांग्रेस सुरक्षा कानून है :
रायपुर ।
असल बात न्यूज़।।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने आज यहां सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को क्या चुपके से लागू करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह कानून एक जनवरी 2023 से प्रभावशील है लेकिन इसकी जानकारी छिपा कर रखने की कोशिश की वजह से मीडिया में भी इसकी खबर 12 जनवरी तक आ सकी। इतने बड़े कानून को लाने की खबर छिपा कर रखी गई।बड़े ही संदिग्ध तरीके से उठाये गए इस कदम ने अनेक आशंकाओं और सवालों को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि लग रहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार एक बार फिर से आपातकाल लगाने की साजिश रच रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर उक्ताशाय की बातें कही है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर तमाम सवाल खड़े किए हैं। डॉ रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने एक बार फिर से आपातकाल लगाने की साजिश रची है। अपने साम्प्रदायिक तुष्टीकरण की राजनीति के तहत उसने प्रदेश में धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए ‘रासुका’ लगा दिया है। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार द्वारा रासुका के दुरूपयोग के पीछे जो कारण हैं, उनमें एक अहम वजह यह है कि हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध और असंतोष फैला हुआ है। सभी वर्ग इस सरकार की वादाखिलाफी के विरुद्ध आंदोलित हैं। कर्मचारियों से लेकर, शिक्षित बेरोजगार युवा सड़क पर उतर रहे हैं। धरना दे रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार भयभीत है। विरोध के सभी स्वर कुचलने तैयार है। इसीलिए पूरे प्रदेश में रासुका लागू किया है कि कहीं भी किसी भी प्रदर्शन में सरकार का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वालों को जेल में ठूंस दिया जाए। भूपेश बघेल रासुका के दम पर चुनाव जीतना चाहते हैं। आज अनियमित कर्मचारी, संविदा कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी, पंचायत कर्मचारी से लेकर भर्ती के लिए युवा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो इस सरकार से जरा सा भी संतुष्ट हो। इसलिए भूपेश बघेल ने तानाशाही फरमान जारी किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा का यह स्पष्ट मानना है कि धर्मांतरण का अर्थ राष्ट्रांतरण होता है। पहले कांग्रेस ने इसी आधार पर देश के टुकड़े किये, उसके बाद पूर्वोत्तर भारत में मतांतरण की गतिविधियों के कारण लम्बे समय तक अलगाववाद रहा। अल्पसंख्यकों के वोट की लिप्सा में और चर्च के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का आलाकमान के माध्यम से खिलौना बन रही है कांग्रेस सरकार?
भाजपा की यह स्पष्ट मांग है कि रासुका लगाने की पूरी परिस्थिति पर कांग्रेस सरकार श्वेत पत्र लाये, साथ ही इसका भी जवाब दे कि उसने इस फैसले को छिपाए क्यों रखा? साथ ही तत्काल प्रभाव से इस नव आपातकाल को खत्म करे और प्रदेश में शान्ति-व्यवस्था को कायम रखे। लोकतंत्र की ह्त्या की कोशिश, इस नए आपातकाल के खिलाफ भी भाजपा के कार्यकर्तागण संघर्ष करने तैयार है।
पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत व प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी मौजूद थे।