धर्म-कर्म
असल बात न्यूज़।।
हिंदू धर्म में पौष माह का बहुत अधिक महत्व होता है। 10 दिसंबर को पौष माह का पहला शनिवार है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधि- विधान से पूजा करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। एक तरफ जहां शनि देव के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वहीं शनि के शुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि शनि रंक को भी राजा बना सकते हैं। आइए जानते हैं शनि देव की पूजा- विधि और पूजन में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए...
शनि देव पूजा- विधि...
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।
- इस दिन शनि देव को तेल अर्पित करें।
- शनि देव को पुष्प अर्पित करें।
- शनि देव को भोग लगाएं।
- शनि देव की आरती करें।
- शनि चालीसा का पाठ करें।
- शनि देव के मंत्रों का जप करें।
इन बातों का रखें ध्यान-
शनि देव की आंखों में न देखें
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए। शनि देव की पूजा करते समय हमेशा अपनी नजरें नीचे रखें। शनि देव से नजरें मिलाने से आप पर शनि देव की बुरी नजर पड़ सकती है।
एकदम सामने खड़े न रहें
- शनिदेव की पूजा बिल्कुल उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए। शनिदेव के सामने कढ़े होकर पूजा करने से अशुभ फल मिल सकता है।