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सीमी भगत और जियतभान राम चरवाहा को अपने गांव के गौठान में मिला रोजगार

  जियतभान को एक साल में गौठान की देखभाल करने के ऐवज में मिला 40 हजार रूपए सीमी भगत को भी प्रतिमाह 4 हजार रूपए गौठान की देखभाल करने के लिए म...

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जियतभान को एक साल में गौठान की देखभाल करने के ऐवज में मिला 40 हजार रूपए
सीमी भगत को भी प्रतिमाह 4 हजार रूपए गौठान की देखभाल करने के लिए मिल रहा है
दोनों चरवाहा गोबर बेचकर 10-10 हजार का अतिरिक्त आमदनी कमा चुके हैं
 मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद

जशपुरनगर. कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने आज कलेक्टर कक्ष से वीडियो कॉल के माध्यम से गौठान के चरवाहा कांसाबेल विकासखण्ड के शब्दमुण्डा ग्राम रेबड़ा के सीमी भगत और चिडोरा के जियतभान राम से योजना की जानकारी ली।

हितग्राहियों सीमी भगत ने बताया कि अपने गांव के गौठान में चरवाहा कार्य के लिए रखा गया है। प्रतिमाह गौठान की देख-भाल करने के लिए 4 हजार गौठान समिति द्वारा दिया जाता है। गोबर बेचकर 10 हजार का लाभ प्राप्त कर चुके हैं और मनरेगा के तहत् गांव में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की योजना का लाभ लेकर गांव में ही रोजगार मिला है और वे आत्मनिर्भर बन गए हैं।
इसी प्रकार चिडोरा गौठान के चरवाहा जियतभान राम ने बताया कि गौठान की देखभाल करने के लिए गांव में ही चरवाहा कार्य के लिए रखा गया है। एक वर्ष से गौठान का देखभाल कर रहें हैं प्रतिमाह 4 हजार रूपए उन्हें गौठान समिति से मिलता है। अब तक उन्हें एक वर्ष में गौठान की देखभाल के लिए मानदेय 40 हजार रूपए मिल चुका है। साथ ही गोबर बेचकर लगभग 10 हजार का लाभ ले चुके हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन की योजना की सरहाना करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह योजना बहुत ही लाभदायक है। इस योजना का लाभ उठाकर महिलाओं के साथ पुरूषों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यावद दिया है। चरवाहों ने बताया कि गौठानों में चरवाहा रखने से अब गौठान पूरी तरह से सुरक्षित है।