इन 5 तरह से मिनटों में पकड़ सकते हैं बच्चों का झूठ

 


 नई दिल्लीकई बार गलती करने के बाद माता-पिता के नाराज होने के डर से छोटे बच्चे खुद को बचाने के लिए अपने पैरेंट्स से झूठ बोल देते हैं। शुरूआत में झूठ बोलने के बाद पकड़े न जाने पर यह धीरे-धीरे उनकी आदत बनने लगती है। जिसकी वजह से भविष्य में कई बार या तो वो गलत रास्ते पर निकल जाते हैं या फिर पैरेंट्स के लिए शर्मिंदगी की वजह बनते हैं। अगर आपको भी अपने बच्चे का झूठ पकड़ना है तो इन 5 बातों पर जरूर गौर करें। 

बच्चों के झूठ पकड़ने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके-
आंखें चुराकर बात करना-

छोटे बच्चे जब कभी अपने पैरेंट्स से झूठ बोलते हैं तो वो उनसे आंखें चुराकर बात करते हैं। उन्हें पैरेंट्स से झूठ बोलते समय अक्सर यह डर लगा रहता है कि कहीं माता-पिता उनका झूठ पकड़ न लें। अगर आपका बच्चा भी ऐसा करता है तो हो सकता है वो आपसे झूठ बोल रहा हो। 

पलके झपका कर बात करना-
अगर आपका बच्चा भी झूठ बोलते समय बार-बार अपनी पलकों को झपकाता रहता है तो समझ जाएं, हो सकता है वो आपसे पूरा सच न कह रहा हो। ऐसे बच्चे अपने झूठ को लेकर भीतर से थोड़े डरे हुए भी हो सकते हैं। 

अटककर बोलना- 
झूठ बोलते समय काफी सोच-विचार करना पड़ता है। यह बात सिर्फ बच्चों पर ही नहीं बड़ों पर भी लागू होती है। लेकिन जब बच्चे झूठ बोल रहे होते हैं तो वो बोलते-बोलते बीच में अक्सर रुक जाते हैं। जिसे आप उनके झूठ बोलने का संकेत भी मान सकते हैं। ऐसे में आप सच का पता करने के लिए बात की तय तक जाए। 

इधर-उधर की बात करना-
छोटे बच्चे अक्सर सच छिपाने के लिए इधर-अधर की बात करना शुरू कर देते हैं। उदाहरण के लिए क्लास में नंबर कम आने पर वो अपने नंबर को छोड़कर बाकी दूसरे सभी छात्रों के नंबर आपको बताना शुरू कर देंगे जिनके उससे कम अंक आए हैं। उनकी इस मासूमियत से भी आप बड़ी आसानी से उनके सच छिपाने का पता लगा सकते हैं। 

रोना-
अक्सर छोटे बच्चे अपने झूठ को छिपाने और खुद को इनोसेंट प्रूफ करने के लिए बात पूछने से पहले ही रोने लग जाते हैं। जिससे माता-पिता को लगे कि उनका बच्चा सच बोल रहा है। लेकिन इन छोटे शैतानों की बात पर भरोसा करने से पहले मामले को अच्छी तरह समझने की कोशिश करें।