Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

बिलाबांग हाई इंटरनेशनल स्कूल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में चालक को आजीवन तथा आया को 20 साल का कारावास

  शहर के नामी विद्यालय बिलाबांग हाई इंटरनेशनल स्कूल की बस में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश की अदालत...

Also Read

 


शहर के नामी विद्यालय बिलाबांग हाई इंटरनेशनल स्कूल की बस में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुना दिया है।अदालत ने शनिवार को बस चालक हनुमंत जाटव और आया उर्मिला साहू को दोषी पाया था। सोमवार को दंड के प्रश्न पर न्यायालय ने हनुमंत जाटव को जीवनपर्यंत आजीवन कारावास तथा आया उर्मिला साहू को 20 साल का कारावास तथा दोनों 31- 31 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

ज्ञात हो कि हनुमंत जाटव पर भारतीय दंड विधान की धारा 354,354-A,376 2) (n) 376AB एवं यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो ) की धाराओ 5f,5m,9f,10,9i,9m,5i,5,6 के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही बस की अटेंडर उर्मिला साहू भारतीय दंड विधान की धारा 109 एवं पोक्सो एक्ट 16/17 में मुख्य आरोपी द्वारा कारित उक्त आरोप में सहायता के दुष्प्रेरण का सह आरोपी बनाया गया था ।

जिन धाराओं में प्रकरण, उनमें फांसी तक हो सकती है आरोपितगणों पर जिन विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है, उनमें अधिकतम सजा फांसी है। यदि न्यायालय इस केस को विरल से विरलतम माना जाता है तो फांसी तक दिया जाना संभव है।

स्कूल में भी बच्चे सुरक्षित नहीं तो यह शर्मनाक

पीड़िता की ओर से लोक अभियोजक मनीषा पटेल का कहना है कि स्कूल ही एक ऐसी जगह है जहां अभिभावक स्कूल के स्टाफ एवं शिक्षकों पर भरोसा  कर अपने बच्चे को लगभग पांच से आठ घंटे के लिए अपने से अलग करते हैं वहां भी अगर बच्चा सुरक्षित नहीं हैं तो यह शर्मनाक है। यही कारण है कि लोक अभियोजक द्वारा अधिकतम सजा की मांग की गई थी। गौरतलब है कि लोक अभियोजन अधिकारी मनीषा पटेल ने दिसंबर 2018 और जुलाई 2019 में पोक्सो के दो अलग-अलग मामलों में अभियुक्तों को फांसी की सजा दिलाई है।