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कश्मीर से खत्म हो जाएगी हुर्रियत? सज्जाद लोन के बाद अब उनके भाई बिलाल भी राजनीति में आएंगे

      श्रीनगर . अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स इंडिपेंडेंट मूवमेंट के अध्यक्ष बिलाल गनी लोन के मुख्यधारा की राजनीति में आने की संभ...

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 श्रीनगर. अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स इंडिपेंडेंट मूवमेंट के अध्यक्ष बिलाल गनी लोन के मुख्यधारा की राजनीति में आने की संभावना है। बिलाल गनी लोन वरिष्ठ अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन के बेटे हैं। अब्दुल गनी की 21 मई 2002 को श्रीनगर के ईदगाह में हत्या कर दी गई थी। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि दिवंगत अब्दुल गनी लोन के बेटे बिलाल आने वाले दिनों में औपचारिक रूप से सक्रिय चुनावी राजनीति में शामिल होंगे। एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, "उनके पिता अलगाववादी रैंक में शामिल होने से पहले तीन बार विधायक बने थे। इसलिए, यदि वह मुख्यधारा की राजनीति में शामिल हो रहे हैं तो वह उस विरासत को पुनः हासिल करेंगे और एक बड़ा और अच्छा प्रभाव डाल सकते हैं, खासकर ऐसे समय में जब (जम्मू कश्मीर विधानसभा) चुनाव होने वाले हैं।" बिलाल गनी लोन कश्मीरी नेता सज्जाद लोन के भाई हैं। 

रिपोर्टों के मुताबिक, लोन जल्द ही हुर्रियत कांफ्रेंस से अलग हो जाएंगे। उन्होंने अपने पैतृक "गढ़" उत्तरी कश्मीर से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का दृढ़ता से फैसला किया है। राजनीतिक विश्लेषकों ने नाम न छापने के आधार पर एक स्थानीय मीडिया हाउस को बताया, "बिलाल लोन का मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होना एक बहुत बड़ा कदम होगा क्योंकि उनके भाई सज्जाद लोन के अलगाववादी राजनीति से विदाई लेने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में यह किसी भी हुर्रियत नेता का दूसरा बड़ा पलायन होगा।"

यह घटनाक्रम कश्मीर घाटी की राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है। हुर्रियत और अलगाववादी राजनीति हर गुजरते दिन के साथ अप्रचलित और अप्रासंगिक होती जा रही है। अगर बिलाल लोन मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होते हैं तो इससे अन्य अलगाववादी नेता भी खुद के फैसले पर विचार जरूर करेंगे। कई नेता अलगाववाद के साथ नाता तोड़कर राजनीतिक में आ सकते हैं। क्योंकि घाटी से अलगाववाद खात्मे की ओर दिखाई दे रहा है। ऐसे में अलगाववादी नेताओं को प्रसांगिक बने रहना है तो उन्हें हवा का रुख परखना होगा।