Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

पारंपरिक महत्व के 200 पौधों के रोपण से सुशोभित हो रहा खैरागढ़ का कृष्ण कुंज

  - नगरीय निकायों में विकसित किए जा रहे कृष्ण कुंज रायपुर,. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज विकसित किए जा...

Also Read

 


- नगरीय निकायों में विकसित किए जा रहे कृष्ण कुंज

रायपुर,.

नगरीय निकायों में विकसित किए जा रहे कृष्ण कुंज

पारंपरिक महत्व के 200 पौधों के रोपण से सुशोभित हो रहा खैरागढ़ का कृष्ण कुंज

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज विकसित किए जा रहे हैं। इस तारतम्य में वन मंडल खैरागढ़ अंतर्गत कृष्ण कुंज के निर्माण में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण करा लिए गए हैं। इसके तहत खैरागढ़ का कृष्ण कुंज पारंपरिक महत्व के विभिन्न प्रजातियों के पौधों के रोपण से हरियाली से ओत-प्रोत होकर सुशोभित होने लगा है।
वन मंडलाधिकारी खैरागढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें आंवला, आम, कदम्ब, बरगद, पीपल, बहेड़ा, करंज, महुआ, नीम, कचनार तथा गुलमोहर आदि 200 पौधों का रोपण तथा विकसित किए जा रहे कृष्ण कुंज के एक एकड़ क्षेत्र का फेंसिंग कार्य सहित गेट का निर्माण किया गया है। उक्त तीनों कार्य वर्तमान में पूर्णता की स्थिति में है। खैरागढ़ के कृष्ण कुंज में वृक्षारोपण बहुत अच्छा है। वहां वृक्षारोपण का कार्य माह जुलाई में ही हो गया था। अभी गेट को और सुसज्जित करने का कार्य प्रगति पर है। इसे चालू माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा ‘कृष्ण कुंज’ को विकसित करने के संबंध में घोषणा की गई है कि हमारे देश में बरगद, पीपल, कदंब तथा अन्य वृक्षों की पूजा करने की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। मनुष्य के लिए वृक्षों की अत्यधिक उपयोगिता होने के कारण ही हमारी पंरपराओं में इन्हें महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, परंतु विगत वर्षों में नगरीय क्षेत्रों का तीव्र विकास होने के कारण वृक्षों की हो रही अंधाधुंध कटाई से वृक्षों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। अगर यही स्थिति जारी रही तो कदाचित भावी पीढ़ियों को इन वृक्षों के परंपरागत महत्व के बारे में जानकारी तक नहीं हो सकेगी। इसलिए वृक्षों की अमूल्य विरासत का संरक्षण हम सबका परम कर्तव्य है। यह अत्यंत आवश्यक है कि मनुष्य के लिए जितने भी जीवनपयोगी वृक्ष हैं, उन्हें सभी नगरीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लगाया एवं संरक्षित किया जाए।