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किडनैंपिग के आरोपी हैं बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह

  नई दिल्ली . बिहार में महागठबंधन सरकार की मंत्रिमंडल गठन के एक दिन बाद ही एक बड़ा खुलासा हुआ है। बिहार की नई सरकार में जिसे कानून मंत्री...

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नई दिल्ली. बिहार में महागठबंधन सरकार की मंत्रिमंडल गठन के एक दिन बाद ही एक बड़ा खुलासा हुआ है। बिहार की नई सरकार में जिसे कानून मंत्री बनाया गया है उनपर अपहरण का केस चल रहा है। इससे भी बड़ी रोचक बात यह है कि जिस दिन इस केस में बिहार के नए कानून मंत्री को कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन उन्होंने राज्य में कानून मंत्री की शपथ ली। मालूम में बिहार की नई सरकार में राजद के खेमे से कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया है। जिनपर अपहरण का मामला चल रहा है।

कार्तिकेय सिंह बिहार में छोटे सरकार के नाम से मशहूर बाहुबली नेता और राजद के पूर्व विधायक अनंत सिंह के करीबी है। उन्हें लोगों कार्तिक मास्टर के नाम के पुकारते हैं। मिली जानकारी के अनुसार 2014 में राजीव रंजन नामक एक शख्स का अपहरण हुआ था। राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है।

कार्तिकेय ने न तो सरेंडर किया न जमानत की अर्जी लगाई

राजीव रंजन के अपहरण केस में कार्तिकेय सिंह ने ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है। इस केस में कल यानि की 16 अगस्त को इन्हें कोर्ट में पेश होना था। लेकिन वो पटना में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। कार्तिकेय सिंह के बारे में हुए इस खुलासे के बाद भारतीय जनता पार्टी महागठबंधन सरकार पर आक्रमक हो गई है। बीजेपी ने इसे जंगलराज की वापसी बताया है।

एमएलसी चुनाव में जदयू उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को दी थी मात

मालूम हो कि कार्तिकेय कुमार ने एमएलसी चुनाव में जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को मात दी थी। तब जदयू में वाल्मीकि सिंह को विधान परिषद का टिकट देने की बात चल रही थी तभी अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा था कि कार्तिकेय सिंह की जीत की गारंटी वे लेते हैं।

2005 से अनंत सिंह के साथ कार्तिकेय का मधुर रिश्ता

कहा जाता है कि अनंत सिंह के लालू प्रसाद ने बतौर एमएलसी उम्मीदवार कार्तिकेय के नाम की घोषणा खुद से की थी। जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिकेय को जितवा दिया। कार्तिकेय को अनंत सिंह के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं। वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थी। जिसके बाद हर चुनाव में कार्तिकेय ने अनंत सिंह के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभाई।