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बोनी शुरू होते ही जिले में खाद-बीज का संकट

  दुर्ग . धान की बोनी शुरू होते ही जिले में खाद व बीज का संकट देखने को मिल रहा है। अधिकांश समितियों में डीएपी खाद का स्टाक नहीं है। वहीं स...

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दुर्ग. धान की बोनी शुरू होते ही जिले में खाद व बीज का संकट देखने को मिल रहा है। अधिकांश समितियों में डीएपी खाद का स्टाक नहीं है। वहीं स्वर्णा किस्म के धान का बीज भी किसानों को नहीं मिल रहा है। खाद व बीज की कमी के कारण कहीं-कहीं धान की बोनी का काम भी प्रभावित हो रहा है।

जिले में इस साल एक लाख 23 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बोनी का लक्ष्‌य रखा गया है। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा मार्कफेड और बीज विकास निगम के माध्यम से जिले की सहकारी समितियों में खाद व बीज का भंडारण कराया गया है। मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में धान की बोनी शुरू हो गई है। लेकिन शुरुआती चरण में ही किसानों को खाद व बीज के लिए भटकना पड़ रहा है। जिले में इस खरीफ सीजन के लिए कुल 37700 मिट्रिक टन खाद का भंडारण का लक्ष्‌य रखा गया है।

जिसमें 15800 मिट्रिक टन यूरिया,7400 मिट्रिक टन सुपर फास्फेट,9300 मिट्रिक टन डीएपी,1600 मिट्रिक टन इफ्को एवं 3600 मिट्रिक टन पोटाश शामिल हैं। जिसमें भंडारित किए गए 13074 मिट्रिक टन यूरिया में से 10192 मिट्रिक टन का वितरण हो चुका है। वहीं भंडारित सुपर फास्फेट की मात्रा 2975 मिट्रिक टन में से 2525 मिट्रिक टन का वितरण हो चुका है। इसके अलावा 4917 मिट्रिक टन डीएपी में से 4722 मिट्रिक टन का उठाव हो चुका है। वर्तमान में मात्र 145 मिट्रिक टन डीएपी खाद ही शेष है। किसानों के बीच डीएपी खाद की सर्वाधिक डिमांड है। जिले के 86 समितियों में से मात्र 20 समितियों में ही डीएपी खाद का स्टाक होना बताया जा रहा है। किसान समितियों से सभी किस्म के खाद के उठाव जरूरत के मुताबिक एक साथ करते हैं लेकिन डीएपी खाद का संकट होने की वजह से किसानों को बार-बार समितियों का चक्कर काटना पड़ रहा है। वहीं जिला विपणन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 500 मिट्रिक टन डीएपी खाद की रेक लगने वाली है।

जिले में किसानों को डीएपी खाद की आपूर्ति के संबंध में मार्कफेड को पत्रलिखा गया है। वहीं अधिकांश किसान स्वर्णा धान बीज का डिमांड कर रहे हैं। 250 क्विंटल बीज और मिला है लेकिन यह मांग के अनुरूप के कम है। बीज निगम को स्वर्णा धान बीज की व्यवस्था बनाने कहा गया है।-एसएस राजपूत उप संचालक