स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में पाटन का नाम पूरे देश में रोशन, कर्नाटक की टीम यहां ब्लॉक हेल्थ यूनिट में उपलब्ध सुविधाओं को देखने पहुंची

 

पाटन, दुर्ग।

असल बात न्यूज़।। 

           00  विशेष संवाददाता

          00  अशोक त्रिपाठी

 यहां के पाटन में विकासखंड स्तर पर उपलब्ध कराई गई चिकित्सा सुविधाएं दूर-दूर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं।  आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि पाटन विकासखंड में बड़े शहरों में उपलब्ध होने वाली चिकित्सकीय टेस्ट के जैसे  हीमोग्लोबिन टेस्ट, प्लेटलेट काउंट, लिवर फंक्शन, किडनी फंक्शन, कोलोस्ट्राल टेस्ट सहित 54 प्रकार के बायोलॉजिकल टेस्ट की सुविधाये उपलब्ध है। असल में इस विकास खंड में अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना के रूप में देश के पहला ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट शुरू किया गया है। अभी तक की जानकारी के अनुसार इस सेंटर में  औसतन 110 मरीजों का प्रतिदिन विभिन्न विभिन्न प्रकार का टेस्ट हो रहा है। ब्लॉक स्तर पर ऐसी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं तो सभी का इस ओर ध्यान खींचना स्वाभाविक ही है। ऐसी सफलता किस तरह से मिल रही है इसे देखने  कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग की टीम भी आज यहां पहुंची है। पाटन की इस उपलब्धि पर गर्व किया जा सकता है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में इसका नाम पूरे देश में रोशन हो रहा है। 

दुर्ग जिले का पाटन विकासखंड असल में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विधानसभा क्षेत्र है तो जाहिर तौर पर यहां तमाम सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। Corona संकट के बाद से पूरे देश ही नहीं पूरी दुनिया का अपने यहां स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की ओर ध्यान गया है। इस दौरान विभिन्न चिकित्सकीय जांच को लेकर लोगों को किस तरह से भटकना पड़ा है और किस तरह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, यह सबको मालूम है। संभवत इस दौरान जिस तरह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लोगों के सामने जैसी कठिनाइयां आई हैं, संभवत उसी वजह से ब्लॉक स्तर पर पब्लिक हेल्थ यूनिट शुरू करने की सोच पैदा हुई और इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में  छत्तीसगढ़ राज्य में दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड में शुरू किया गया है। विभाग के डॉ आशीष शर्मा ने बताया कि यहां 54 प्रकार की टेस्ट की सुविधाएं उपलब्ध हैं और प्रतिदिन औसतन 115 मरीजों की विभिन्न प्रकार की जांच की जा रही है। इसमें हिमोग्लोबिन टेस्ट, प्लेटलेट काउंट लिवर फंक्शन, किडनी फंक्शन, कोलेस्ट्रोल जांच जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं,जोकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अमूमन उपलब्ध नहीं रहती, पाटन में ब्लॉक स्तर पर यह सुविधा उपलब्ध है जिससे दूर-दूर के लोगों को अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराने में काफी सहूलियत मिली है। 

एक बात  यह भी उल्लेखनीय है कि अभी जिस तरह से स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरतें बढ़ी है और स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में जिस तरह का का संकट पैदा हुआ है उससे लोगों का  नर्सिंग होम और पैथोलॉजी लैब से भी विश्वास उठता नजर आया है। ऐसे में लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले नर्सिंग होम तथा विश्वसनीय पैथोलॉजी लैब की जरूरत बढ़ी है। और जब ब्लॉक स्तर पर शासकीय तौर पर ये सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं तो आम लोगों को इसकी तरफ खिंचाव स्वाभाविक तौर पर बढ़ा है।

अभी पिछले वर्षों के दौरान ये आंकड़े सामने आए हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य में ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य के प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इन बीमारियों के टेस्ट की सुविधाएं उपलब्ध है। यहां के ब्लॉक प्रभारी डॉ शर्मा कहते हैं कि पाटन के बी पी एच यू में HB 1C के टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध है। यह एक तरह से मरीज के 3 महीने के ब्लड शुगर का एक दिन में  टेस्ट करने की सुविधा है। इससे मरीज के 3 महीने के औसत ब्लड शुगर का पता चल जाता है। शुगर के मरीजों के लिए यह जांच काफी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे उनके 3 महीने के शुगर की स्थिति का पता चल जाता है।

कर्नाटक राज्य से आई टीम के सदस्यों ने यहां ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट में विभिन्न टेस्ट की सुविधाओं का बारीकी से अवलोकन किया।

कर्नाटका राज्य की टीम में उप संचालक डिसीज सर्विलेंस , स्टेट पैथोलोजिस्ट एवं अन्य अधिकारियों ने अवलोकन किया। बीएमओ डॉ आशीष शर्मा ने बारीकी से बीपीएचयू और हमर लैब की जानकारी दी। बीपीएम पूनम साहू एवं बीडीएम टीमन साहू ने आईएचआईपी से सर्विलेंस से जानकारी दी। कर्नाटक राज्य से आए दल ने बीपीएचयू एवं हमरलैब में दिए रहे सेवाओं की प्रशंसा की एवं  छत्तीसगढ़ शासन ,प्रशासन ,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं  में विस्तार हेतु की जा रही  प्रतिबद्धता की प्रशंसा की गई। 

स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही संस्थाओं के लिए यह समय आम मरीजों के विश्वास जीतने का समय है। मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत है। मरीजों को हर पल यह महसूस होता है कि उन्हें लूटा जा रहा है तो ऐसे  अवसर पर शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। कमजोर वर्ग के मरीजों का निश्चित रूप से सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर बड़ा भरोसा है लेकिन वे चाहते हैं कि यहां उन्हें बेहतर दवाइयां और समझे स्वयं शुगर मिल सके। निजी स्वास्थ्य संस्थाओं को भी इस समय आगे बढ़ कर आगे बढ़कर यह साबित करना होगा कि वे जो शुल्क वसूल कर रहे हैं वह उनके लागत की कितनी अधिक है और कितनी उचित और किस तरह से है। दुविधा के दौर में मरीजों के लिए ब्लॉक स्तर पर जांच की तमाम सुविधाएं  उपलब्ध हुई है तो निश्चित रूप से यह मरीजों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है।