निगम को पहुंचा रही आर्थिक नुकसान
रायपुर. रायपुर शहर में यूनिपोल के नाम पर करोड़ों के खेल के मामले में नई जानकारी सामने आई है। नियम व शर्तों के मुताबिक ग्रेसफुल विज्ञापन एजेंसी को आम नागरिकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्मार्ट शौचालय बनाने के साथ ही विभिन्न कंपनियों का प्रचार-प्रसार करने के लिए शौचालयों की छतों पर यूनिपोल स्थापित करना था, ताकि किसी तरह की कोई दिक्कत न हो लेकिन एजेंसी ने सारे नियमों को दरकिनार करके सड़क किनारे नियमों के विपरीत यूनिपोल स्थापित कर दिया।
शौचालय की सुविधा मिली नहीं, लग गए यूनिपोल के प्रचार में
शहर की अधिकतर जगहों में सड़कों के किनारे फुटपाथ पर विज्ञापन एजेंसी ने दैत्याकार यूनिपोल तो स्थापित कर दिए, लेकिन आम नागरिकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्मार्ट शौचालय का अता-पता तक नहीं है, जबकि नियमानुसार शौचालय बनाने के बाद उनके ऊपर ही मिनी यूनिपोल स्थापित कर विभिन्न कंपनियों का प्रचार-प्रसार करना है।
नईदुनिया ने पड़ताल की तो पता चला कि तेलीबांधा मरीन ड्राइव के पास यूनीपोल पर कंपनियों के विज्ञापन चमक रहे हैं, लेकिन शौचालय की जनसुविधा यहां के बजाय बस्ती में शुरू की गई है। इसी तरह शास्त्री चौक, आंबेडकर अस्पताल चौक, देवेंद्र नगर, फाफाडीह के पास शौचालय शुरू नहीं हुआ और यूनिपोल लगाकर विज्ञापन से लाखों की कमाई विज्ञापन एजेंसी कर रही है।
हादसे का खतरा, यातायात भी प्रभावित
शहर में अधिकतर यूनिपोल सड़क को घेरकर फुटपाथ पर बन रहे हैं। इनमें से कई तो सड़कों के किनारे कुछ इस तरह लगे हुए हैं कि हादसे का हर पल खतरा मंडरा रहा है और इनसे यातायात भी बाधित हो रहा है।
नगर निगम के जानकार सूत्रों ने बताया कि शहर के तेलीबांधा से शास्त्री चौक के बीच जगह-जगह स्थापित मिनी यूनिपोल की साइज मनमाने तरीके से विज्ञापन एजेंसी ने बढ़ा दिया, जबकि नियमानुसार साइज बढ़ाने के लिए नोटिफिकेशन जारी करना अनिवार्य है। यही नहीं, तीन साल पहले जिस विज्ञापन एजेंसी को टेंडर दिया गया था, उस पर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों ने मेहरबान होकर चुपके से उसे ही दोबारा टेंडर दे दिया। इसकी शिकायत भी हुई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
1.35 करोड़ बकाया, फिर भी उसी को काम
निगम प्रशासन को एक विज्ञापन एजेंसी से 1.35 करोड़ रुपये बकाया राजस्व वसूलना है, लेकिन अधिकारियों ने राजस्व वसूलना तो दूर की बात उसी एजेंसी को शहर में एसी बस स्टाप बनाने का काम दे दिया, जबकि दो साल से बंद सिटी का अब तक अता-पता नहीं है। एजेंसी द्वारा लाखों खर्च कर बनाया गया एसी बस स्टाप अब बदमाशों, नशेड़ियों का अड्डा बन गया है। विज्ञापन एजेंसी को बस स्टाप की छत या आसपास होर्डिंग लगाकर विभिन्ना कंपनियों के प्रचार-प्रसार करना है। इससे होने वाली कमाई से बस स्टाप का रखरखाव करने के साथ ही निगम को भी राजस्व देना है।
शिकायत का इंतजार
रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने कहा, गलत तरीके से स्थापित किए गए यूनिपोल के संबंध में अब तक किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। लिखित शिकायत मिलने पर जांच कराकर विधिवत कार्रवाई करेंगे।