भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र ने दुर्घटना के बढ़ते मामलों के बीच अब शून्य सहनशीलता(जीरो टोलरेंस) पालिसी को लागू कर दिया है। हाल ही में इसे ...
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र ने दुर्घटना के बढ़ते मामलों के बीच अब शून्य सहनशीलता(जीरो टोलरेंस) पालिसी को लागू कर दिया है। हाल ही में इसे लेकर सर्कुलर जारी करने के बाद अब हर विभाग के कर्मचारी से इस पर सहमति ली जा रही है।
अब सुरक्षा के गंभीर उल्लंघन के मामलों पर कड़ाई से दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी। लगातार हो रही मानवीय चूको के कारण जहां संयंत्र को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं प्लांट की छवि भी दागदार हुई है। प्रबंधन अब जमीनी स्तर पर भी सुरक्षा नियमों को लागू करने कमर कस चुका है।
अब सभी स्तर पर काम करने, मोबाइल पर बात करते वाहन चलाने से लेकर नशे के हालात में सयंत्र पर प्रवेश पर सीधी कार्यवाही होगी। दंड को लागू करने एक कमेटी भी बनाई गई है जो ऐसे मामलों की विवेचना कर कार्यवाही तय करेगी ।सुरक्षा के मामले को लेकर अब प्रबंधन यूनियन और ओ ए को साथ लेकर भी आगे बढ़ रही है।
शून्य सहनशीलता पालिसी को लागू करने जहां सर्कुलर जारी कर दिया गया है। वही हर एक विभाग में कर्मचारियों और अधिकारियों से शून्य सहनशीलता नियम के पालन और दंड प्रावधानों पर सहमति ली जा रही है। सहमति पत्र में स्पष्ट लिखा है कि पालिसी को उच्च अधिकारियों द्वारा भलीभांति समझा दिया है और सभी इससे सहमत है।
चेतावनी पत्र से लेकर आर्थिक दंड तक
शून्य सहनशीलता नियम के अन्तर्गत जहां पहले उल्लंघन पर समझाइश पत्र देने का प्रावधान है वहीं दूसरे पर चेतावनी पत्र जारी किया जाएगा जो कि कर्मचारी की सर्विस बुक में भी नत्थी किया जाएगा। आर्थिक दंड के रूप में अधिकारियों को 250 रुपये और कर्मचारियों को 100 रुपये तक फाइन किया जाएगा।