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मुख्यमंत्री से मिडिल स्कूल के बच्चों ने कहा, कभी सरगुजा से बाहर नहीं गए..मुख्यमंत्री ने तत्काल कलेक्टर को दिए निर्देश... कहा बच्चों को रायपुर भेजिए..हम जंगल सफारी घुमाएंगे ...मुख्यमंत्री निवास में चाय पर भी बुलाएंगे

  "चल तो भैया रे सहनपुर ले..सीएम से मिलब रे..सीएम से मिलब रे.." एक सुर में सहनपुर के स्कूली बच्चों ने मुख्यमंत्री का किया स्वागत र...

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"चल तो भैया रे सहनपुर ले..सीएम से मिलब रे..सीएम से मिलब रे.." एक सुर में सहनपुर के स्कूली बच्चों ने मुख्यमंत्री का किया स्वागत


रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।

 मुख्यमंत्री श्री भूपेश का सरगुजा जिले के लुंड्रा विधानसभा के ग्राम सहनपुर पहुंचने पर उनके स्वागत में मिडिल स्कूल के बच्चों ने एक सुर स्वागत गीत" चला भैया चला भैया रे, स्वागत करे ले,चल तो भैया रे सहनपुर ले..सीएम से मिलब रे..सीएम से मिलब रे " गाया ।

 बच्चों ने स्वागत गीत स्वयं तैयार किया और स्थानीय बोली में गाया जिसे सुनकर मुख्यमंत्री अभिभूत हो गए ।

मुख्यमंत्री को बच्चों ने बताया कि वे अभी तक सरगुजा से बाहर नहीं गए हैं, और रायपुर में जंगल सफारी देखने का मन है । इस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि आप बच्चों को रायपुर ले कर आइए , हम उन्हें जंगल सफारी घुमाएंगे, इसके साथ ही बच्चों को अपने निवास पर चाय पर भी आमंत्रित करेंगे।  





 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के अंतर्गत आज अंबिकापुर में अजिरमा स्थित आदिवासी समाज के गोंडवाना भवन पहुंचेे. मुख्यमंत्री श्री बघेल आदिवासी समाज सम्मेलन के कार्यक्रम के शामिल हुए जहां समाज के लोगों ने मांदर की थाप पर थिरकते हुए मुख्यमंत्री का स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने परिसर में स्थित देवगुड़ी में पूजा अर्चना भी किया.

मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि पहले वनोपजों का कोई मूल्य नहीं था पर अब छत्तीसगढ़ में 65 प्रकार के वनोपजों की खरीदी हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आदिवासी महिलाएं सक्षम हो रही हैं और महुआ लड्डू से लेकर सरसो तेल तक का निर्माण कर रही हैं. मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि भेंट मुलाकात में ये देख पा रहे हैं कि लोग स्वरोजगार की तरफ बढ़ रहे हैं और आत्मनिर्भर बन रहे हैं.मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हर गांव में देवघर हमारी अपनी संस्कृति और पहचान है और हमें इसके संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी लेनी होगी ताकि हमारी संस्कृति और सभ्यता को देश विदेश में पहचान मिले.



इस मौके पर  खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि आदिवासी संस्कृति के अनुसार हमारे देवार,बैगा,गुनियां श्री भूपेश बघेल हैं जिन्होने लोगों की तकलीफ को समझा है और जाति प्रमाण पत्र की मात्रात्मक त्रुटियां दूर की हैं जिससे आदिवासियों के चेहरे पर आज मुस्कान दिखायी देती है. श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीदे जा रहे हैं और आदिवासी ग्रामीणों को आर्थिक लाभ मिल रहा है. 

कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री डॉ शिव डहरिया, लुंड्रा विधायक डॉ प्रीतम राम तथा आदिवासी समाज के प्रतिनिधि गण उपस्थित थे.