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खैरागढ़ विधानसभा कांग्रेस की परंपरागत सीट, पिछले 20 वर्षों में राजनांदगांव जिले में भाजपा तो सिर्फ दो तीन सीटों तक सिमट गई - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

  00  स्थानीय लोगों की मांगे सुनी, उनकी समस्याओं को समझा तब खैरागढ़, छुईखदान, गंडई जिला बनाने का मन बना 00  सेमीफाइनल नहीं, इस चुनाव के मुद्...

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00  स्थानीय लोगों की मांगे सुनी, उनकी समस्याओं को समझा तब खैरागढ़, छुईखदान, गंडई जिला बनाने का मन बना

00  सेमीफाइनल नहीं, इस चुनाव के मुद्दे अलग, आम विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग होंगे

रायपुर।

असल बात न्यूज़।।  

00 विशेष प्रतिनिधि

छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खैरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव को लेकर आज बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने  अपने शासनकाल में पिछले 15 वर्षों के दौरान इस क्षेत्र की भारी उपेक्षा की है और यहां के लोगों में इस सबसे उनके प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। यहां 15 वर्षों के दौरान विकास ठप्प कर दिया गया था। उन्होंने जब छुईखदान, गंडई तथा खैरागढ़ में आम लोगों से वहां मुलाकात की तो लोगो के मन में जो नाराजगी थी,वह खुलकर सामने आई। उन्होंने कहा कि खैरागढ़, गंडई, छुईखदान को जिला बनाने के मुद्दे पर लोगों में उत्साह और खुशी नजर आ रही है। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां अपने निवास पर खैरागढ़ उपचुनाव के विभिन्न विषयों पर कुछ  पत्रकारों से बातचीत करते हुए उक्तआशय की बातें कही। इस दौरान वे यहां कांग्रेस की जीत के प्रति पूरी तरह से आशान्वित नजर आए । उन्होंने कहा कि देवव्रत सिंह जी खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र से अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की टिकट से लंबे समय तक विधायक रहे थे। श्री देवव्रत युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे थे।वे हालांकि जनता कांग्रेस में चले गए थे लेकिन उनकी आकस्मिक मृत्यु के पश्चात उनके सारे समर्थक तथा कार्यकर्ता वापस कांग्रेस में लौट आए हैं। इससे स्वाभाविक तौर पर वहां कांग्रेसी और मजबूत हुई है। कांग्रेस की सरकार ने पिछले 3 वर्षों के दौरान प्रदेश में किसानों आदिवासियों, अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए जो कदम उठाए हैं उससे इस क्षेत्र में प्रत्येक वर्ग में भारी खुशी दिख रही है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले  डॉक्टर रमन सिंह 15 वर्षों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन राजनांदगांव जिले में भारतीय जनता पार्टी सिर्फ दो, तीन सीटें तक ही जीतती रही है। इससे समझा जा सकता है कि वहां भाजपा का जनाधार कितना कमजोर है। आम मतदाताओं में भाजपा के प्रति कैसी नाराजगी बनी रही है। कांग्रेस पार्टी ने जो वादा किया है उसे प्रदेश में सरकार ने पिछले 3 वर्षों में पूरा किया है इससे आम लोगों का कांग्रेस के प्रति विश्वास बढ़ा है। लोगों को विश्वास हुआ है कि यह सरकार जो कहती है वह करती है। उन्होंने कहा कि मरवाही विधानसभा के उपचुनाव में हम मरवाही को जिला बना कर जनता के बीच गए थे, अभी पहले जनता के बीच जा रहे हैं और  जिला बनाएंगे। 

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले 3 वर्षों के दौरान जो उपचुनाव हुए हैं ऊसमें  जिन लोगों ने चुनाव प्रचार किया है वही लोग ही खैरागढ़ में भी चुनाव प्रचार करते रहे थे लेकिन जनता ने उन्हें किस तरह से खारिज कर दिया  यह हमने वहा पूर्व के चुनाव परिणामो में देखा है। कुछ केंद्रीय मंत्री और पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री भी इस बार वहां खैरागढ़ में चुनाव प्रचार करने पहुंचे, लेकिन उनके पास कोई मुद्दा नजर नहीं आया। यह पूछे जाने पर कि खैरागढ़ उपचुनाव को आम विधानसभा चुनाव के पहले क्या सेमी फाइनल चुनाव की तरह देखा जाना चाहिए ? उन्होंने कहा कि खैरागढ़ उपचुनाव के मुद्दे अभी अलग हैं और आम विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग होंगे। खैरागढ़ को जिला बनाने का मुद्दा वही असरकारक बन सकता है दूसरी जगह नहीं। ऐसे और भी कई स्थानीय मुद्दे हैं जो उपचुनाव में आम लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। इस तरह से इसमें सेमीफाइनल ऐसी कोई बात नहीं है। 

इस सवाल पर कि अप चुनाव के घोषणा के समय वहां के राजनीतिक गलियारे में कोई असरकारक मुद्दा नजर नहीं आ रहा था जिससे मतदाता प्रभावित होते नजर आएं तथा राजनीतिक विश्लेषक भी कयास लगा रहे थे कि इस उप चुनाव में कौन-कौन से मुद्दे मतदाताओ को प्रभावित नजर आएंगे तब खैरागढ़ छुईखदान मंडे को जिला बनाने का मुद्दा सामने आया जो कि चुनाव प्रचार की दशा और दिशा को प्रभावित करने वाला साबित हुआ है। क्या यह निर्णय करने का मन अचानक बना ? अथवा पहले से तैयारी की जा रही थी कि उसे जिला बनाना है और चुनाव के समय यह मुद्दा बन गया ? उन्होंने कहा कि खैरागढ़ गंडई छुई खदान इलाके का दौरा कर रहे थे। इस दौरान स्थानीय लोगों से जो बातें हुई जिस तरह से जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा था, उन्होंने निर्णय लिया कि खैरागढ़ छुईखदान गंडाई को जिला बनना चाहिए। जिला बनने के बाद यहां तत्काल प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्तियां की जाएगी तथा कामकाज शुरू किया जाएगा।