दो पम्प सील, नोटिस  किया चस्पा

रायपुर,महासमुंद ।

असल बात न्यूज़।। 

    00  विशेष रिपोर्ट

पेट्रोल डीजल के दामों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इसमें बायोडीजल के मिलावट का प्रतिशत बढ़ाने की रणनीति तैयार की जा रही है। ऐसे में जमाखोरों और मिलावटखोरों के कान फिर सतर्क हो गए हैं, और हर जगह बायोडीजल के अवैध भंडारण करने का सिलसिला जोरशोर से शुरू हो गया है। राज्य प्रशासन के द्वारा भी इसके खिलाफ कमर कस लिया गया है तथा जगह-जगह  बायोडीजल के अवैध भंडारण का भंडाफोड़ किया जा रहा है। अभी महासमुंद जिले में अवैध बायोडीजल के भंडारण के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वहां अवैध रूप से बायो डीजल भंडारण एवं विक्रय करने वाले सीजी एग्रोटेक बायोफ्यूल प्रोपराइटर प्रशांत अग्रवाल एवं जय रामेश्वर फ्यूल बायो डीजल झलप प्रोपराइटर वेगडा आलाप कुमार के पम्पों की जाँच कर कार्रवाई  की गई। जाँच के समय मौके पर दोनों पम्प  के प्रोपराइटर एवं कर्मचारी उपस्थित नहीं थे।कलेक्टर  निलेशकुमार क्षीरसागर के निर्देश पर जिला खाद्य विभाग एवं इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड एवं भारत पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड के द्वारा संयुक्त रूप से यह कार्यवाही की गई है।खाद्य विभाग की जांच में यह मामला पकड़ में आने के बाद वहां के  दोनों पम्पों  को सील कर दिया गया है।

   अधिकारियों ने बताया है कि संबंधित से मोबाईल से सम्पर्क करने पर दोनों ने  अन्यत्र स्थान पर होना बताया गया। दोना फर्म के द्वारा बॉयोडीजल पम्प के संचालन से सम्बंधित वैध कागजात मौके पर प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण दोनो पम्पों को सील किया गया एवं पम्प पर नोटिस चस्पा किया गया । नोटिस में कहा गया कि  स्वयं कलेक्टर खाद्य शाखा में सम्पूर्ण कागजात के साथ उपस्थित हो।   खाद्य शाखा महासमुन्द व इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड एवं भारत पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि उक्त दोनों पम्पो को कोई वैध अनुमति छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदाय नहीं की गई है। 

उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी राज्य के कुछ और जिलों में बायोडीजल के अवैध भंडारण  को पकड़ा गया है। बायोडीजल के अवैध भंडारण की प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है।

क्या है केंद्र का इथेनाल मिश्रित पेट्रोल को बढ़ावा देने का कार्यक्रम

केंद्र सरकार घरेलू कृषि क्षेत्र, पर्यावरण लाभ को बढ़ावा देने आयात निर्भरता और विदेशी मुद्रा में बचत को कम करने के व्यापक उद्देश्यों के साथ इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को बढ़ावा दे रही है।  सरकार ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति - 2018 को भी अधिसूचित किया है जिसमें देश में 2030 तक पेट्रोल में इथेनॉल के 20% मिश्रण और डीजल में 5% बायोडीजल के मिश्रण को बढ़ाने का सांकेतिक लक्ष्य रखा गया है। इथेनॉल की आपूर्ति पक्ष पर उत्साहजनक पहल के आधार पर, सरकार ने 2030 से 2025-26 तक पेट्रोल में इथेनॉल के 20% मिश्रण के लक्ष्य को आगे बढ़ाया है।

इथेनॉल निर्माताओं के लाभ के लिए सरकार द्वारा उठाए गए उपाय  अन्य बातों के साथ-साथ, इथेनॉल उत्पादन के लिए कई गन्ना और अनाज आधारित फीडस्टॉक की अनुमति देना, फीडस्टॉक के अनुसार लाभकारी इथेनॉल खरीद मूल्य तय करना, संशोधित उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 को लागू करना, देश भर में इथेनॉल के निर्बाध उत्पादन, भंडारण और आवाजाही के लिए, इथेनॉल लाना शामिल है। देश में इथेनॉल उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए वर्ष 2018, 2019, 2020 और वर्ष 2021 के दौरान इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाने और ईबीपी कार्यक्रम को बढ़ावा देने और ब्याज सबवेंशन योजनाओं को शुरू करने के लिए 5% की न्यूनतम जीएसटी स्लैब दर के तहत ईबीपी कार्यक्रम के लिए तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने घाटे वाले राज्यों में समर्पित इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने के लिए संभावित परियोजना समर्थकों के साथ दीर्घकालिक इथेनॉल ऑफ-टेक समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं।