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पाटन विकासखंड में तेरह हजार स्कूली बच्चे वैक्सीनेट

पाटन विकासखंड में तेरह हजार स्कूली बच्चे वैक्सीनेट पाटन,दुर्ग। असल बात न्यूज़।।  दुर्ग जिले में कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव की रोकथाम के लि...

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पाटन विकासखंड में तेरह हजार स्कूली बच्चे वैक्सीनेट

पाटन,दुर्ग।

असल बात न्यूज़।। 

दुर्ग जिले में कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन का काम तेज गति से किया जा रहा है। यहां स्कूली बच्चों के शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन का भी लक्ष्य तैयार किया गया है। इसी कड़ी में जिले के पाटन विकासखंड में लगभग 13 हजार बच्चों का टीकाकरण किया गया है। यहां ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों की पढ़ाई भी पूरी कराई जा रही है। 

अभी इसकी समीक्षा की जा रही है कि 15 से 18 साल की आयु के बच्चों के टीकाकरण के कार्यक्रम को कितनी अधिक सफलता मिल पाती है। इस मामले में खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों के बच्चों पर अधिक नजर रखी जा रही है। पाटन विकासखंड के स्कूल शिक्षा अधिकारी टीआर जगदल्ले ने बताया कि यहां 15 से 18 वर्ष की आयु के लगभग 13 हजार बच्चों को टीका लगाया गया है। उन्होंने बताया कि अभिभावकों की सहमति से टीके लगाए जा रहे हैं। कई स्थानों पर अभिभावकों को टीका लगाने को लेकर असहमति भी थी। ऐसे लोग अपने बच्चों को कोरोना से बचाव का टीका लगवाना नहीं चाहते थे। जिसके बाद स्कूल के प्राचार्य शिक्षक साथियों के द्वारा उन्हें समझाया गया, तब जाकर वे अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए तैयार हुए। अब खुशी की बात है कि टीकाकरण  95% से अधिक पूर्ण हो चुका है।

उन्होंने बताया कि बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस लगाई जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में ढेर सारे बच्चों के पास मोबाइल नहीं होने की वजह से उनके  ऑनलाइन क्लासेस से सीधे नहीं जुड़ पाने की शिकायतें आ रही थी। ऐसे मोबाइल नहीं रखने वाले बच्चों को उनके समीप रहने वाले मोबाइल वाले सहपाठी के साथ ऑनलाइन क्लासेज से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार यह भी कोशिश की जा रही है कि जो पिछले 2 वर्षों के दौरान कोविड-19 के फैलाव के चलते स्कूलों में जो पढ़ाई प्रभावित  हुई थी उसका पाठ्यक्रम भी पूरा किया जाए। यह कोर्स भी कंप्लीट किया जा रहा है। इसके लिए जहां जरूरत पड़ रही है एक्स्ट्रा क्लास भी लगाई जा रही है।

श्री जगदल्ले ने बताया कि स्कूली बच्चों को गर्म भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था जिससे पूरे विकासखंड में लगभग 30 हजार बच्चे लाभान्वित हो रहे थे। अभी स्कूल बंद हो जाने के बाद कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक के इन स्कूली बच्चों को सूखा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।