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बार और अवैध दारू बेचने वालों के पेट पर पड़ी लात

  रायपुर, भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर। असल बात न्यूज। 0 विशेष संवाददाता अवैध दारू की बिक्री एक बहुत बड़ी समस्या है।इसका आम जनमानस पर सीधे-सीधे प्...

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 रायपुर, भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर। असल बात न्यूज।

0 विशेष संवाददाता

अवैध दारू की बिक्री एक बहुत बड़ी समस्या है।इसका आम जनमानस पर सीधे-सीधे प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन इसकी वजह से अपराधीकरण और तमाम गलत धंधो को बढ़ावा मिलता है, तमाम अवैध धंधे पनपने  लगते हैं,और तब आम लोगों को जिस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है उसे समझ पाना आसान नहीं है। कोई भी राज्य सरकार अपने राज्य में अवैध धंधों को पनपने नहीं देना चाहेगी। छत्तीसगढ़ राज्य में भी संभवत  अवैध दारू की बिक्री को रोकने, दारू सब तक पहुंचाने के लिए ऑनलाइन बिक्री शुरू की गई है। इतने भारी संकट की स्थिति तथा लॉकडाउन के बावजूद लोग दारु पीना नहीं छोड़ रहे हैं बल्कि कई गुना अधिक कीमत चुकाकर दारु पी रहे हैं। अब सरकार ने दारू की ऑनलाइन बिक्री शुरू की है तो  उसके जो उद्देश्य है उसके अनुरूप ही सब कुछ नियंत्रण में रखा जाना चाहिए।

खबर है कि राज्य के सभी प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर अवैध दारू जमा कर ली गई थी। अभी lockdown राज्य के ज्यादातर जिलों में एक सप्ताह से भी अधिक समय रहने वाला है और यह दारू इसी दौरान बेचे जाने की तैयारियां थी । राज्य सरकार ने किसी को कानों कान खबर नहीं लगने दी और दारू की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी। ऐसे में अवैध रूप से भारी पैमाने पर दारू जमा करने वालों की बाट लग गई है। राज्य में lockdown के चलते ज्यादातर जिलों की सीमाएं सील है। बिना चेक किए किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है। लेकिन राजनांदगांव, महासमुंद, गरियाबंद, बिलासपुर, रायगढ़ इत्यादि जिलों में पुलिस ने ही सतर्कता के साथ दूसरे राज्यों से अवैध रूप से लाई जा रही दारू बड़ी मात्रा में पकड़ी   है। इससे समझा जा सकता है कि कहीं ना कहीं चूक हो रही है। कुछ गड़बड़ जरूर हो रहा है। प्रत्येक सीमाओ पर इतनी बड़ी नाकेबंदी हो जाने के बावजूद दूसरे राज्यों की दारू कहीं ना कहीं चूक होने की वजह से ही छत्तीसगढ़ में जगह जगह  पहुंच जा रही है। लेकिन अब माना जा रहा है कि अवैध रूप से दारू का जो भंडारण किया गया है वह कोई काम नहीं आने वाला है। आम लोगों को घर पहुंच दारू मिल जाएगी। लोगों को जो मनमानी कीमत,रेट चुकाना पड़ रहा था उसकी जगह अब घर पहुंच नाम मात्र के शुल्क पर मनचाही दारू मिलने लगेगी।

छत्तीसगढ़ में पिछले लगभग 2 महीने  से कोरोना के संक्रमण के फैलाव के चलते हाहाकार मचा हुआ है। राज्य सरकार इस संकट से जूझ रही है। कोरोना के चलते प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की मौत हो जा रही है। लेकिन बहुत बड़ा वर्ग है जिसको ऐसी समस्याओं से भी कोई लेना देना नहीं है। इस वर्ग के लोगों को इस कठिन समय में भी दारू चाहिए। कौन मर रहा है ? कौन अस्पताल में है और जिंदगी मौत से जूझ रहा है ? किसके घर में दो वक्त की रोटी का इंतजाम बंद हो गया है ? इस वर्ग के लोगों को इससे कोई लेना देना नहीं है। राज्य सरकार, ऐसे वर्ग के लोगों से कहा जा सकता है कि बहुत त्रस्त हो गई होगी। दारू दुकान बंद है तो यह लोग किसी भी कीमत पर अवैध रूप से बेची जा रही दारू खरीद कर  पी रहे हैं। दारू की इतनी अधिक मांग को देखते हुए हर मोहल्ले में युवा लड़के अवैध रूप से दारू बेचने उतारू हो गए हैं। वह कुछ लोगों में सिर्फ पैसा कमाने की हवस है। ऐसे वर्ग के लोग पैसा कमाने का कोई अवसर कतई छोड़ना नहीं चाहते, भले ही किसी की भी जान जाते रहे। लोगों को लग रहा होगा की सरकार ऑनलाइन दारू में चाहिए लेकिन ऐसा करने से जो गली गली में अवैध रूप से दारू बेचने वाले गुंडे पंडे पैदा हुए थे जोकि किसी भी कॉलोनी मोहल्ले के लिए बड़ा सिरदर्द बनते जा रहे थे, क्षेत्र में नई अपराधिक पृष्ठभूमि तैयार कर रहे थे उसका खात्मा होने की उम्मीद की जा रही है।

राज्य में अवैध रूप से दारू बिकने की खबर लगभग हर जगह से आ रही थी। और दूसरे राज्य से अवैध रूप से लाई जा रही दारू पकड़ी भी जा रही थी। इससे यह तो कोई कतई नहीं इनकार कर सकता कि अवैध रूप से दारू नहीं दिख रही है। चर्चा ओ के अनुसार लॉकडाउन के अगले एक सप्ताह के लिए भी जगह जगह बड़े पैमाने पर  दारू डंप कर ली गई थी। यह दारू प्रति बोतल तीन सौ से ₹800 तक अधिक कीमत पर बेचे जाने की जानकारी मिली है। ऐसी खबरें सही है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज दारू बेचने वाले किस तरह से इस lockdown में भी अवैध रूप से मोटी कमाई कर रहे थे। इस तरह से दारू बेचने से एक तरफ तो कोरोना के संक्रमण के फैलाव का खतरा था, दूसरी तरफ अराजकता, अपराध का फैलाव हो रहा था।