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आज की जनधारा का 34वां स्थापना दिवस : संवाददाताओं और स्टाफ का हुआ सम्मान, रमेश गुप्ता को प्रदेश के स्टार रिपोर्टर का तमगा...

 रायपुर,असल बात अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों पर संगोष्ठी का भी हुआ आयोजन, वरिष्ठ जनों ने रखे अपने विचार रायपुर। दैनिक आज की जनधारा ने अपनी ...

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 रायपुर,असल बात








अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों पर संगोष्ठी का भी हुआ आयोजन, वरिष्ठ जनों ने रखे अपने विचार

रायपुर। दैनिक आज की जनधारा ने अपनी स्थापना के 34 वर्ष पूरे होने पर साहित्य और पत्रकारिता से जुड़े वरिष्ठ हस्तियों की उपस्थिति में जनमंच सड्डू में स्थापना दिवस का भव्य आयोजन  किया। इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी के भारतीय समाज, राजनीति और पत्रकारिता से जुड़े मूल्य विषय पर संगोष्ठी हुई। कार्यक्रम के दौरान समाचार पत्र समूह के संवाददाता व स्टाफ का सम्मान भी किया गया। संभागीय  स्थानीय संपादक रमेश गुप्ता को प्रदेश का स्टार रिपोर्टर का सम्मान दिया गया। इस सम्मान के लिए आज की जनधारा समूह के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र सहित सभी वरिष्ठ सदस्यों ने बधाई दी। 


कार्यक्रम में आज की जनधारा परिवार से  अमित गौतम (राजनांदगांव ब्यूरो चीफ), जितेन्द्र शुक्ला (बेमेतरा ब्यूरो चीफ)और राजेश खन्ना (मुंगेली ब्यूरो चीफ) के अलावा अखबार से जुड़े मनोज सोलंकी, अजय वर्मा,  त्रिलोकी दावड़े, टेकचंद साहू मुकेश वर्मा, अजय गौतम, को सम्मानित किया गया। इसके उपरांत संगोष्ठी में पधारे सभी वक्ताओं और अतिथियों का आज की जनधारा के सीईओ सौरभ मिश्रा ने शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। आयोजन के साथ यह संदेश भी दिया गया कि पत्रकारिता तभी जीवित रहेगी, जब उसमें समाज और राष्ट्र के प्रति सेवा का भाव बना रहेगा।


इससे पहले आयोजित संगोष्ठि में भारतीय समाज, राजनीति और पत्रकारिता से जुड़े मूल्य विषय पर संगोष्ठी में डॉ. सुशील त्रिवेदी, गिरीश पंकज, भालचंद्र जोशी, शशांक शर्मा, डॉ. अनिल द्विवेदी और विकास शर्मा जैसे विशिष्ट वक्ताओं ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि अटल जी ने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया, उनके भीतर कवि हृदय और पत्रकारिता की निर्भीकता दोनों समाहित थी।  सर्वप्रथम संगोष्ठी में आज की जनधारा के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता किसी भी लोकतांत्रिक समाज की धुरी है। आज जब मीडिया की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है उस समय आज की जनधारा 34 वर्षों की लंबी साधना यात्रा पूरी कर 35वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हमने स्थापित पत्रकारिता मूल्यों को बचाते हुए सच लिखने का साहस किया है। 


भालचंद्र जोशी ने कहा कि देश में धर्म और जाति के गौरवगान के बीच हमें एक-दूसरे के प्रति सम्मान बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अखबार आज भी निर्भीकता से जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। विकास शर्मा ने अटल जी की मिमिक्री करते हुए उनकी कविताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल जी की टूटे मन से मैदान नहीं जीता जाता... जैसी पंक्तियां आज भी प्रेरणा देती हैं। उन्होंने अटल जी की कविता कदम मिलाकर चलना होगा का पाठ करते हुए पत्रकारिता में त्याग और धैर्य के महत्व पर बल दिया। 


डॉ. अनिल द्विवेदी ने कहा कि आज की जनधारा ने 34 वर्षों तक कॉरपोरेट दबावों के बीच भी निर्भीक पत्रकारिता की मिसाल कायम की है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह अखबार आने वाले समय में कई बड़े प्रकाशनों का रिकॉर्ड तोड़ेगा। वहीं, शशांक शर्मा ने भारतीय राष्ट्रवाद की मानवीय अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की आत्मा अध्यात्म और संस्कृति में निहित है। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता राजनीति के प्रभाव में आ गई है, उसे फिर से समाज के सकारात्मक पक्ष की ओर लौटना होगा। 


डॉ. सुशील त्रिवेदी ने अटल बिहारी और दीनदयाल उपाध्याय का जिक्र करते हुए समाज में मानवीय मूल्यों के दर्शन की बात कही। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे राजनीतिक मूल्यों में पतन हुआ उसी के साथ ही पत्रकारिता भी पतन के रास्ते पर चल पड़ी। आज कोई भी अखबार सामाजिक समरसता और समाज से जुड़ी अच्छी खबरों को प्रकाशित नहीं करता। अच्छी खबरों की जगह अखबारों में विध्वंस और वाणिज्य ने अपनी जगह बना ली है। 


अंत में गिरीश पंकज ने कबीर के दोहे से निदंक नियरै राखिए... के जरिए पत्रकारिता और राजनीति पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जब पत्रकार को कोई पुलिस वाला चाय पिलाना शुरु कर देता है वहीं से पत्रकार का नैतिक पतन शुरू हो जाता है। उन्होंने भी मीडिया में बढ़ रहे कार्पोरेट दखल को पत्रकारिता के पतन का रास्ता बताया। संगोष्ठी के पश्चात् अटल जी पर केंद्रित विशेषांक भारतीय राष्ट्रवाद के मानवीय चेहरे का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर से आए एक्टर-डायरेक्टर लक्की गुप्ता ने 'मां मुझे टैगोर बना दे की नाट्य प्रस्तुति भी दी।

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