भिलाई,असल बात भिलाई। प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। व्यावसायिक परीक्षा मण्डल (व्यापम) और राज्...
भिलाई,असल बात
भिलाई। प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। व्यावसायिक परीक्षा मण्डल (व्यापम) और राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा हाल ही में आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में बार-बार त्रुटिपूर्ण प्रश्न पत्र सामने आ रहे हैं। इस गंभीर मुद्दे को भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने प्रमुखता से उठाते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा है। उन्होंने इसे लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है और त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
विधायक द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि बीते कुछ महीनों में आयोजित करीब 10 भर्ती परीक्षाओं—जिनमें मत्स्य निरीक्षक, लैब टेक्निशियन, एसडीओ, लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, सहायक सांख्यिकी अधिकारी और प्रयोगशाला परीक्षक जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाएं शामिल हैं—में बड़ी संख्या में गलत, डुप्लीकेट या एक से अधिक सही उत्तर वाले प्रश्न पूछे गए। केवल हाल की परीक्षाओं में ही 60 से अधिक त्रुटिपूर्ण प्रश्न सामने आए हैं। इनसे न केवल परीक्षार्थियों में भ्रम की स्थिति बनी, बल्कि कई अभ्यर्थियों को योग्य अंक से वंचित होना पड़ा।
देवेंद्र यादव ने पत्र में उल्लेख किया है कि इस प्रकार की लापरवाही प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर गहरा असर डालती है। उन्होंने मांग की है कि प्रश्न पत्र तैयार करने और उसकी जांच के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियां न हों। साथ ही, जिन परीक्षाओं में त्रुटिपूर्ण प्रश्न पूछे गए हैं, उनमें अभ्यर्थियों से वसूली गई फीस वापस की जाए और यदि पुनः परीक्षा कराना आवश्यक हो तो वह निशुल्क आयोजित की जाए।
यादव ने कहा है कि यह केवल प्रश्नों की त्रुटि का मामला नहीं है, बल्कि प्रदेश के लाखों युवाओं की मेहनत और करियर का सवाल है। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यावसायिक परीक्षा मण्डल और लोक सेवा आयोग को कठोर निर्देश दिए जाएं।
पत्र की एक प्रति मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है, ताकि शासन स्तर पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
असल बात,न्यूज